खरीफ बुवाई 954 लाख हैक्टेयर के पार

Edited By ,Updated: 13 Aug, 2016 06:01 PM

kharif pulses

मॉनसून की बारिश अब तक सामान्य के मुकाबले 103 फीसदी रही है यानी सामान्य से ज्यादा बारिश। बेहतरीन बारिश का सीधा असर हमारे देश के किसानों की फसल पर पड़ता है।

नई दिल्लीः मॉनसून की बारिश अब तक सामान्य के मुकाबले 103 फीसदी रही है यानी सामान्य से ज्यादा बारिश। बेहतरीन बारिश का सीधा असर हमारे देश के किसानों की फसल पर पड़ता है। इस बार अच्छी बारिश का असर खरीफ फसलों की बुवाई पर दिखाई दे रहा है। अब तक खरीफ फसलों का बुवाई रकबा पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 58.27 लाख हैक्टेयर ज्यादा रहा है।

जोरदार बारिश से बुवाई क्षेत्र बढ़ा
कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक खरीफ का कुल बुवाई क्षेत्र 954.18 लाख हैक्टेयर से अधिक हो गया है, जबकि पिछले साल इस समय यह आंकड़ा 895.91 लाख हैक्टेयर था। खरीफ फसल की बुवाई ज्यादा रहने के पीछे जो सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है वो है जुलाई से लेकर अगस्त तक हो रही जोरदार बारिश। गंगा-यमुना के मैदानी इलाकों से लेकर मध्य भारत के पठारी इलाकों तक मॉनसून जोरदार रहा है। इससे किसानों ने खरीफ की फसलों की बढ़-चढ़कर बुवाई की।

दालें हो सकती है सस्ती
इस बार महंगी दालों से कुछ हद तक निजात मिल सकती है। बात ये है कि इस साल दलहन के बुवाई रकबे में जोरदार बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले साल 13 अगस्त तक दालों की बुवाई 97.74 लाख हैक्टेयर रकबे में हुई थी लेकिन खरीफ सीजन में इस बार दलहन फसलों का बुवाई रकबा 130.17 लाख हैक्टेयर रहा है। इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि इस समय दालों की बढ़ी हुई कीमतों और अच्छे मॉनसून का असर दाल की बुवाई पर भी दिख रहा है। इससे इस बार आने वाले महीनों में दालों की कीमतों में कमी आने की पूरी संभावना है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों पर अगर भरोसा करें तो अच्छे मॉनसून का अच्छा असर फसलों पर नजर आएगा। 

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