जानिए, कैसा है देश का पहला डिजिटल गांव?

Edited By ,Updated: 02 Dec, 2016 05:40 PM

know  how is the country  s first digital village

8 नवंबर को सरकार द्वारा जब 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद किए जाने का ऐलान किया गया

नई दिल्लीः 8 नवंबर को सरकार द्वारा जब 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद किए जाने का ऐलान किया गया तो पूरे देश में कैश की मारामारी के हालात पैदा हो गए। महानगरों से लेकर गांवों तक 100 और उससे कम की करंसी के लिए लोग परेशान दिखे क्योंकि कुछ भी खरीदने के लिए इनकी जरूरत थी। लेकिन, देश के पहले डिजिटल गांव गुजरात के साबरकांठा जिले के अकोदरा में इसे लेकर कोई परेशान नहीं था। जानिए इस गांव के बारे में....

2015 को देश को किया था समर्पित
इस गांव की आबादी 1,191 लोगों की है। यहां 250 घर हैं। यहां के लोग सभी कार्यों के लिए कैशलेस सिस्‍टम का उपयोग करते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने 2 जनवरी, 2015 को इस गांव को देश को समर्पित किया था।

2015 में ICICI बैंक ने लिया था गांव को गोद
अहमदाबाद से 90 किलोमीटर दूर बसे इस गांव के हर शख्स के पास रूपे डेबिट कार्ड है। सब्जी खरीदने के लिए भी गांव के लोग मोबाइल बैंकिंग या कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। खास बात यह है कि यह सुविधा इन लोगों को उनकी मातृभाषा गुजराती में उपलब्ध है। 2015 में ICICI बैंक ने इस गांव को गोद लिया था। अब यह गांव डिजिटल टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करते हुए कैशलेस हो गया है। अब यह देश का पहला डिजिटल गांव बन गया है।

गांव में खुला है ई-हेल्थ सेंटर 
डिजिटल होने के पश्चात गांव में ई-हेल्थ सेंटर खुला है, जहां गांववालों के मेडिकल रिकॉर्ड बटन दबाते ही मिल जाता है। टेलीमेडिसिन की सुविधा हो जाने के कारण यहां बैठे-बैठे दूसरे बड़े शहरों के डॉक्टरों की राय भी ली जा सकती है।

क्लासरूम्स में लगे हैं प्रॉजेक्टर
अकोदरा गांव में प्राइमरी से लेकर 12वीं तक की शिक्षा के लिए स्कूलों में भी डिजिटल तरीकों को अमल में लाया जा रहा है। बैंक की ओर से क्लासरूम्स में प्रॉजेक्टर और कम्प्यूटर आदि दिए गए हैं। इसके अलावा डिजिटल कॉन्टेंट भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

5 रुपए से ज्यादा का ट्रांजेक्शन होता है कार्ड से
इस गांव में उत्पादित होने वाले दूध के लिए यहां विलेज लेवल को-ऑपरेटिव सोसायटी है। यहां भी किसान जो दूध देते हैं, उसकी पेमेंट सीधे उनके खाते में चली जाती है।आज इस गांव में लोग 5 रुपए से ज्यादा के ट्रांजेक्शन - मोबाइल या फिर कार्ड से करते हैं।

किसान भी करते हैं डिजिटल लेन देन
ऐग्रिकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग कमिटी गांव के किसानों द्वारा उत्पादित अनाज और कपास आदि का मूल्य ऑनलाइन ही चुकाती है। मंडी एजेंट और किसान के बीच डील होने के बाद राशि किसान के खाते में जारी कर दी जाती है।

गांव में किसानों को तमाम फसलों की कीमतों की जानकारी लाइव मिलती है। इसके लिए ICICI बैंक ने रॉयटर्म मार्कीट लाइव से करार किया है। इस जानकारी के जरिए किसानों को यह तय करने में मदद मिलती है कि उन्हें अपनी फसल बेच देनी चाहिए या अभी रूकना चाहिए।

वाई-फाई कनेक्टिविटी की सुविधा 
किसी भी गांव या शहर के डिजिटल होने के लिए इंटरनेट की जरूरत होती है। अकोदरा गांव में वाई-फाई कनेक्टिविटी है। जिला विकास अधिकारी की ओर से यहां वाई-फाई कनेक्टिविटी की सुविधा दी गई है। ग्राम पंचायत में फीस जमा कराकर वाई-फाई की सुविधा ली जा सकती है।

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