Idea-Vodafone मर्जरः जानिए नई कंपनी की 10 बेहद खास बातें

Edited By ,Updated: 20 Mar, 2017 04:54 PM

know 10 new things about the new company

दुनिया की सबसे बड़ी टैलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने आज स्वदेशी टैलीकॉम कंपनी आइडिया के साथ अपने...

नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी टैलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने आज स्वदेशी टैलीकॉम कंपनी आइडिया के साथ अपने विलय का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। इस डील के बाद दोनों कंपनियां मिलकर भारत की सबसे बड़ी टैलीकॉम कंपनी बनाएंगी। बता दें कि करीब 8 महीने तक चली लंबी बातचीत के बाद वोडाफोन और आदित्य बिड़ला समूह की आइडिया सेल्युलर का विलय हो पाया है। रिलायंस जियो की मार्कीट में एंट्री के बाद कॉम्पीटिशन का लेवल बढ़ गया है। इसी का नतीजा है कि वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर जैसी बड़ी कंपनियों को हाथ मिलाना पड़ा। ऐसे में अगर आप आइडि‍या या वोडाफोन नेटवर्क के यूजर हैं तो आपके लि‍ए नई कंपनी के बारे में ये 10 बातें जानना जरूरी हैं।

जानिए नई कंपनी के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें
1. आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि मर्जर के बाद कोई खास बड़े स्तर पर लोगों को हटाए जाने का फैसला लेने की कोई योजना फिलहाल नहीं है। उन्होंने कहा कि वह नई कंपनी के चेयरपर्सन बनकर खुश हैं और बेहद सम्मानजनक महसूस कर रहे हैं।

2. कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा- हमें अब तक समर्थन देने वाले आइडिया के शेयरहोल्डर्स और कर्जदाताओं के लिए यह विलय बेहद फायदे का सौदा साबित होगा। आइडिया और वोडाफोन साथ मिलकर एक बेहद महत्वपूर्ण कंपनी बनाएंगे।

3. आइडिया ने एक बयान में कहा कि वोडाफोन के पास संयुक्त कंपनी की 45.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। जबकि, आइडिया के पास 54.9 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी। बयान के मुताबिक आदित्य बिड़ला समूह के पास इस विलय के बाद 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी। इस विलय में आइडिया के पास चेयरपर्सन चुनने का अधिकार होगा जबकि सीईओ और सीओओ की नियुक्ति का फैसला दोनों कंपनियां मिलकर करेंगी।

4. दोनों कंपनियों के विलय की प्रक्रिया पूरी होने में दो साल का वक्त लगेगा। विलय के इस अग्रीमेंट में वोडाफोन का इंडस टावर्स में 42 फीसदी की हिस्सेदारी शामिल नहीं है। एकीकरण के पूरा होने के बाद वोडाफोन इंडिया लिमिटेड (वीआईएल) का पूरा बिजनेस और वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड (वीएमएसएल) आइडिया के साथ जुड़ जाएगा।

5. एक संयुक्त बयान में कहा गया कि मर्जर के बाद 4 करोड़ यूजर बेस और टैलीकॉम मार्कीट का 35 फीसदी तथा 41 फीसदी रेवेन्यू शेयर इनके हिस्से में आएगा। विलय के बाद कंपनियों ने कहा कि 3जी और 4जी नेटवर्क पूरे देश में जाल की तरह फैलाया जाएगा। विलय के बाद इस कंपनी के पास 40 करोड़ ग्राहक होंगे, जिससे भारत के तीन ग्राहकों में से एक इस कंपनी के ग्राहक होंगे।

6. सितंबर में अंबानी के 4जी जियो सिम के आने के बाद रिलायंस द्वारा दी गईं तमाम मुफ्त सुविधाओं के चलते जहां जियो का यूजर बेस करोड़ का आंकड़ा पार गया वहीं दूसरी टैलीकॉम कंपनियों में हलचल मच गई। जियो के दबाव में आकर वोडाफोन, एयरटेल ही नहीं बल्कि सार्वजनिक उपक्रम बीएसएनएल को भी कम कीमत वाले टैरिफ प्लान्स पेश करने पड़े।

7. इस मर्जर से यूजर्स को आने वाले दिनों में नए प्लान और पैक्स मिल सकते हैं। क्योंकि पहले जियो को टक्कर देने के लिए एयरटेल नए प्लान लांच कर रही थी, लेकिन अब इसके बाद एयरटेल के साथ आइडिया-वोडा भी नए प्लान और पैक्स के साथ बाजार में होंगी।

8. वोडाफोन इंडिया का टर्नओवर 5,025 करोड़ रुपए है और वीएमएसएल का टर्नओवर 40,378 करोड़ रुपए। वहीं, आइडिया सेलुलर का टर्नओवर 36,000 करोड़ रुपए है। वोडाफोन इंडिया लि. की नेटवर्थ 12,855 करोड़ रुपए, वीएमएसएल का 3,737 करोड़ रुपए और आइडिया सेलुलर की नेटवर्थ 24,296 करोड़ रुपए है।

9. बयान में कहा गया है कि अगर चार साल बाद तक नई कंपनी में वोडाफोन और आदित्य बिड़ला ग्रुप की शेयरहोल्डिंग बराबर नहीं होती तो वोडाफोन अगले पांच साल के दौरान आदित्य बिड़ला ग्रुप को शेयर्स बेचकर शेयहोल्डिंग को बराबर करेगी।

10. विलय और अधिग्रहण नियमों के मुताबिक, कोई भी कंपनी अपने पास एक टैलीकॉम सर्किल में आवंटित स्पैक्ट्रम का 25 फीसदी और सर्विस एरिया में चुनिंदा बैंड में आवंटित स्पैक्ट्रम का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा नहीं रख सकती। इसके अलावा, नई कंपनी के पास रेवेन्यू और सब्सक्राइबर मार्कीट शेयर का 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

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