Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Jan, 2019 06:14 PM
फरवरी पॉलिसी से बैंकर्स और इंडस्ट्री को ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है लेकिन आरबीआई गवर्नर की बातों से लगता है कि फरवरी में ब्याज दरें शायद ही घटें। वाइब्रेंट गुजरात समिट में चर्चा के दौरान रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई पर चिंता जताई।
नई दिल्लीः फरवरी पॉलिसी से बैंकर्स और इंडस्ट्री को ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है लेकिन आरबीआई गवर्नर की बातों से लगता है कि फरवरी में ब्याज दरें शायद ही घटें। वाइब्रेंट गुजरात समिट में चर्चा के दौरान रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई पर चिंता जताई। उनकी बातचीत से साफ हो गया कि फरवरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश कम ही है।
शक्तिकांता दास ने कहा कि अक्टूबर 2018 से खाद्य महंगाई दर निगेटिव है लेकिन फ्यूल महंगाई दर में अभी भी काफी उतार-चढ़ाव है। उन्होंने ये भी कहा कि इकोनॉमी की रफ्तार में स्थिरता है लेकिन खाद्य और फ्यूल को एक साथ देंखे तो महंगाई दर 6 फीसदी के करीब है जो कि चिंता का विषय है।
शक्तिकांता दास के बयान से फरवरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नजर नहीं आती है। हालांकि बैंकर्स और इंडस्ट्री ब्याज दरों में कटौती की मांग कर रहे हैं। बैंकर्स का मानना है कि अब रेट कट का सही वक्त आ गया है। आईबीएलए में कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीआईआई सदस्य उदय कोटक ने कहा कि रिजर्व बैंक की दरों में कटौती की गुंजाइश है। उन्होंने मार्च तक लिक्विडिटी पर भी फोकस करने की बात कही। एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने सीआरआर यानि कैश रिजर्व रेश्यो की प्रासंगिकता पर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि सीआरआर में कटौती से बैंकों का मुनाफा बढ़ेगा।
बैंकर ही नहीं, इंडस्ट्री भी कम ब्याज पर ज्यादा लिक्विडिटी की मांग कर रही है। दो दिन पहले ही आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इंडस्ट्री चैंबर्स के साथ बैठक की। इस बैठक में एफआईसीसीआई और एसोचैम के प्रतिनिधि समेत कई बड़े कारोबारी शामिल हुए। इंडस्ट्री ने एक सुर में गवर्नर से दरों में कटौती की मांग की।