नोटबंदी के दौरान गई लाखों लोगों की नौकरियां

Edited By ,Updated: 04 May, 2017 05:55 PM

millions of jobs done during the ban

नोटबंदी के दौर में करीब 2 लाख लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ी।

नई दिल्ली : नोटबंदी के दौर में करीब 2 लाख लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ी। लेबर ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अक्तूबर 2016 से जनवरी 2017 के बीच करीब 1.52 लाख केजुअल और 46,000 पार्टटाइम नौकरियां गईं। यह हालात तब हैं जब इस तिमाही में 8 कोर सेक्टरों में 1.22 लाख वर्कर्स और जुड़े, जबकि 2016 में इसी तिमाही में महज 32,000 नए वर्कर्स को नौकरी मिली थी।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गईं 1.13 लाख नौकरियां 
रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा नौकरियां मैन्युफैक्चरिंग सैक्टर में गईं और उसके बाद नंबर रहा आई.टी./बी.पी.ओ. का। सबसे ज्यादा पार्टटाइम नौकरियां भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गईं। इस सेक्टर में कुल 1.13 लाख और आई.टी. व बी.पी.ओ. में 20,00 केजुअल नौकरियां गईं।  सभी सेक्टरों में पॉजिटिव बदलाव हालांकि मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेड, ट्रांसपोर्ट, आई.टी.-बी.पी.ओ., एजुकेशन और हैल्थ सेक्टरों में पॉजिटिव बदलाव आए हैं। इन सेक्टर का सर्वे जनवरी-मार्च 2017 के दौरान किया गया। कंस्ट्रक्शन सेक्टर में पिछली तिमाही के मुकाबले निगेटिव, वहीं रेस्टोरेंट सेक्टर में कोई बदलाव नहीं आया। इस तिमाही में कुल 1.39 लाख रेग्युलर और 1.24 लाख अस्थाई इम्प्लॉइज को नौकरी मिली।

सरकार के सामने है चुनौती
रिपोर्ट के मुताबिक, जिन संस्थानों का सर्वे किया गया उनमें से 97.66 प्रतिशत ने कहा कि वह रोजगार का रिकॉर्ड रखते हैं। आई.टी./बी.पी.ओ. सैक्टर में तो 100 प्रतिशत संस्थान रोजगार का पूरा रिकॉर्ड रखते हैं। भारत में हर साल 1.2 करोड़ लोग रोजगार की लाइन में जुड़ जाते हैं। मोदी सरकार के लिए नए रोजगार पैदा करना चुनौती बनी हुई है। सरकार ने हर साल 2.5 करोड़ नौकरियां पैदा करने का वादा किया था।
 

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