Edited By Isha,Updated: 23 Jan, 2019 10:58 AM
राज्यों के वित्तमंत्रियों के एक समूह ने राज्यों द्वारा सेवाओं पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह की समीक्षा करने का फैसला किया है। इस समीक्षा के जरिये यह पता लगाया जाएगा कि क्या वे सही तरीके से कर लगा
नई दिल्लीः राज्यों के वित्तमंत्रियों के एक समूह ने राज्यों द्वारा सेवाओं पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह की समीक्षा करने का फैसला किया है। इस समीक्षा के जरिये यह पता लगाया जाएगा कि क्या वे सही तरीके से कर लगा रहे है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मोदी इस सात सदस्यीय मंत्री समूह (जीओएम) के प्रमुख भी हैं। इस समूह का गठन जीएसटी परिषद ने राज्यों के राजस्व में जीएसटी क्रियान्वयन के बाद आई कमी की समीक्षा के लिए किया था। मंत्री समूह इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) के मुद्दे पर भी गौर करेगा जिससे यह पता चल सके कि क्या इसका भी राजस्व कमी में योगदान है। मोदी ने कहा, ‘‘यह फैसला किया गया है कि अधिकारियों की समिति राज्यों द्वारा सेवाओं पर कर संग्रह का अध्ययन करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि राज्य संभवत: सेवाओं पर जीएसटी सही तरीके से संग्रहीत नहीं कर रहे हैं क्योंकि केंद्र की तरह उनके पास सेवाओं पर कर की विशेषज्ञता नहीं है।"
उन्होंने कहा कि मंत्री समूह ने फैसला किया है कि राजस्व कमी के कारणों के अध्ययन के लिए किसी तीसरे पक्ष के विशेषज्ञों की सेवाएं नहीं ली जाएंगी। जीओएम का गठन एक जनवरी को हुआ था। इसकी अगली बैठक फरवरी में होगी।