Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Jul, 2019 06:56 PM
अगर आपको लगता है कि आयकर अधिकारी आपकी अघोषित आय की जांच के लिए सोशल मीडिया पोस्ट की जासूसी करते हैं, उनके विदेशों में घूमने और महंगी खरीदारी की फोटो पर निगरानी रखते हैं, तो यह गलत धारणा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पी. सी....
नई दिल्लीः अगर आपको लगता है कि आयकर अधिकारी आपकी अघोषित आय की जांच के लिए सोशल मीडिया पोस्ट की जासूसी करते हैं, उनके विदेशों में घूमने और महंगी खरीदारी की फोटो पर निगरानी रखते हैं, तो यह गलत धारणा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पी. सी. मोदी का यह कहना है।
मोदी ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि कर विभाग को इस तरह के तौर-तरीके अपनाने की जरूरत नहीं, क्योंकि विभाग के पास बड़े लेनदेन से जुड़े आंकड़े विभिन्न एजेंसियों से आते हैं और उसके पास आंकड़ों का विश्लेषण करने की एक सुदृढ़ व्यवस्था है। इस वजह से ऐसे लेनदेन के स्रोत और जगह की जानकारी उसे मिल जाती है। उन्होंने यह बात इससे संबंधित एक सवाल के जवाब में कही। उनसे पूछा गया था कि क्या कर अधिकारी या आयकर विभाग लोगों के फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया हैंडल पर निगरानी रखते हैं ताकि उनकी आय से जुड़ी गोपनीय जानकारी या उनके खर्च के तौर-तरीकों पर नजर रखी जा सके।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि आयकर अधिकारी सोशल मीडिया पर लोगों की महंगी विदेश यात्रा या महंगी गाड़ियां दिखाने वाली फोटो पर नजर रखते हैं और देखते हैं कि ये लोग अपना सही कर चुका रहे हैं या नहीं। इस पर मोदी ने कहा, ‘‘यह एक गलत धारणा है। हमें वहां (सोशल मीडिया मंचो) जाने की जरूरत ही क्या है।'' सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीतियां बनाने वाला शीर्ष निकाय है