मूडीज ने भारत के परिदृश्य को नकारात्मक से स्थिर श्रेणी में किया, रेटिंग को बरकरार रखा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Oct, 2021 12:31 PM

moody s downgrades india s outlook from negative to stable

अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को भारत के साख परिदृश्य को बेहतर करते हुए नकारात्मक से स्थिर श्रेणी में कर दिया। उसने कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार जारी है और चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर महामारी-पूर्व...

नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को भारत के साख परिदृश्य को बेहतर करते हुए नकारात्मक से स्थिर श्रेणी में कर दिया। उसने कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार जारी है और चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर महामारी-पूर्व स्थिति से अधिक होगी। हालांकि, मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने भारत की साख को ‘बीएएए3' पर बरकरार रखा। यह निम्न निवेश स्तर की रेटिंग है और कबाड़ के दर्जे से सिर्फ एक पायदान ऊपर है।

मूडीज ने भारत के रेटिंग परिदृश्य को स्थिर से नकारात्मक नवंबर, 2019 में किया था। अब इसमें बदलाव अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में गिरावट के जोखिम में कमी को बताता है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘विभिन्न क्षेत्रों में गतिविधियों में तेजी के साथ आर्थिक पुनरुद्धार जारी है।'' भारत की वृद्धि दर के बारे में मूडीज ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 (एक अप्रैल से 31 मार्च) में 9.3 प्रतिशत वृद्धि के साथ इसके 2019 के स्तर को पार कर जाने की उम्मीद है। अगले वित्त वर्ष (2022-23) में इसके 7.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। 

उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। मूडीज के अनुसार, ‘‘टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने तथा महामारी की दूसरी लहर के दौरान सोच-विचारकर पाबंदियां लगाये जाने से कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव के कारण वृद्धि के नीचे जाने का जोखिम घटा है।'' अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने पिछले साल भारत की साख को ‘बीएए2' से कम कर ‘बीएए3' कर दिया था। उसने कहा था कि निम्न वृद्धि और बिगड़ती राजकोषीय स्थिति को देखते हुए नीतियों के कार्यान्वयन के स्तर पर चुनौतियां होंगी।'' 

मूडीज ने एक बयान में कहा, ‘‘परिदृश्य को नकारात्मक से बदलकर स्थिर करने के निर्णय का कारण वास्तविक अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली के बीच नकारात्मक प्रतिक्रिया से उसमें गिरावट का जोखिम का कम होना है।'' ‘‘बेहतर पूंजी और नकदी की अच्छी स्थिति से बैंक तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के स्तर पर जोखिम पूर्व के अनुमान के मुकाबले कम हुए हैं।'' बयान में कहा गया है, ‘‘अधिक कर्ज बोझ और ऋण वहन को लेकर कमजोर स्थिति के चलते जोखिम बना हुआ है लेकिन मूडीज को उम्मीद है कि आर्थिक परिवेश अगले कुछ वर्षों में केंद्र एवं राज्यों सरकारों के राजकोषीय घाटे को धीरे-धीरे कम करने में मददगार होगा। इससे सरकारी साख में और गिरावट को रोका जा सकेगा।'' 

मूडीज ने कहा कि बैंकों ने पूंजी के मोर्चे पर अपनी स्थिति मजबूत की है। यह अर्थव्यवस्था की मदद के लिहाज से कर्ज वृद्धि के लिये मजबूत परिदृश्य का संकेत देता है। रेटिंग एजेंसी ने वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर मध्यम अवधि में औसतन करीब 6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। यह स्थिति सामान्य होने के साथ गतिविधियों में तेजी को प्रतिबिंबित करता है। मूडीज ने कहा कि सरकार ने महामारी के दौरान कई सुधारों की घोषणा की। इसका मकसद श्रम कानूनों में सुधार, कृषि क्षेत्र में दक्षता को बढ़ाना, बुनियादी ढांचा में निवेश में वृद्धि, विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन तथा वित्तीय क्षेत्र को मजबूत बनाना है।

‘‘अगर इसे प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया गया, इन नीतिगत कदमों का साख पर सकारात्मक असर होगा और उम्मीद के विपरीत वृद्धि में तेजी आ सकती है।'' हालांकि, उसने कहा कि भारत का सरकारी कर्ज बोझ (केंद्र एवं राज्यों का मिलाकर) 2019 में जीडीपी के 74 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में लगभग 89 प्रतिशत पहुंच गया। यह ‘बीएए' औसत 48 प्रतिशत से कहीं अधिक है। मूडीज ने बाजार मूल्य पर मजबूत जीडीपी वृद्धि के साथ मध्यम अवधि में इसके 91 प्रतिशत के आसपास स्थिर होने का अनुमान जताया है। 
 

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