Edited By Supreet Kaur,Updated: 01 Sep, 2019 12:28 PM
अर्थव्यवस्था में छाई मंदी के कारण सरकार का पूरा जोर महंगाई, खासकर फूड आइटम्स की कीमतों पर अंकुश लगाने पर है। सरकार इस कोशिश में है कि खाद्य पदार्थों की सप्लाई में कोई कमी न आए। इसके लिए सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम (एसेंशियल कमोडि......
बिजनेस डेस्कः अर्थव्यवस्था में छाई मंदी के कारण सरकार का पूरा जोर महंगाई, खासकर फूड आइटम्स की कीमतों पर अंकुश लगाने पर है। सरकार इस कोशिश में है कि खाद्य पदार्थों की सप्लाई में कोई कमी न आए। इसके लिए सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम (एसेंशियल कमोडिटी ऐक्ट) में बदलाव की तैयारी कर रही है। स्टॉक लिमिट के नियमों में भी बदलाव होगा। इससे आम आदमी के साथ किसानों को भी फायदा होगा।
जल्द जारी होगा नोटिफिकेशन
सूत्रों के अनुसार आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए) सिर्फ अकाल और युद्ध के समय लागू होगा। जरूरी चीजों की कीमतें अगर बढ़ी तो फिर स्टॉक लिमिट खुद ही लागू हो जाएगी। स्टॉक लिमिट का मतलब है कि सरकार की ओर से किसी भी प्रॉडक्ट के लिए तय की गई लिमिट से ज्यादा कोई किसी आइटम का स्टॉक नहीं रख पाएगा। ऐसे में ज्यादा स्टॉक बाजार में उतारना पड़ेगा। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार इससे संबंधित ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। पीएमओ से मंजूरी मिलने के बाद इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
जमाखोरी पर लगेगी लगाम
जीडीपी ग्रोथ रेट में कमी आने के बाद सरकार महंगाई के मोर्चे पर लोगों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। सरकार को आशंका है कि अगर दाल और सब्जियों की कीमत बढ़ी तो निश्चित रूप से लोग काफी परेशान हो जाएंगे। सरकार की पूरी कोशिश होगी कि खाद्य पदार्थों की कीमतें तर्कसंगत स्तर पर कायम रहें। इससे खाद्य पदार्थों की जमाखोरी भी रुकेगी, जिससे एक सीमा से ज्यादा इन प्रॉडक्ट्स का भंडारण कोई कर न पाए तथा खाद्य वस्तुओं की सप्लाई चेन बाधित न हो।