बैंकिंग सिस्टम से अभी भी बाहर हैं आधे से ज्यादा छोटे किसान व सीमांत किसान!

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Sep, 2019 12:47 PM

more than half of small farmers and marginal farmers

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकिंग सिस्टम से करीब 60 फीसदी से अधिक छोटे एवं सीमांत किसानों के बाहर रहने पर चिंता व्यक्त की है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की इंटरनल वर्किंग ग्रुप की एग्रीकल्चर क्रेडिट समीक्षा में लाखों छोटे एवं सीमांत किसानों को

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकिंग सिस्टम से करीब 60 फीसदी से अधिक छोटे एवं सीमांत किसानों के बाहर रहने पर चिंता व्यक्त की है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की इंटरनल वर्किंग ग्रुप की एग्रीकल्चर क्रेडिट समीक्षा में लाखों छोटे एवं सीमांत किसानों को बैंकिंग सिस्टम में शामिल करने के लेकर कई चिंताएं जताई है।

डिप्टी गवर्नर एमके जैन की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय समावेशन की कई पहल व योजनाओं के बावजूद सिर्फ 40.90 फीसदी छोटे व सीमांत किसान ही वित्तीय बैंकों के तहत बैंकिंग सिस्टम में शामिल हो पाए हैं। सीमांत किसान से तात्यपर्य है उन किसानों से है जिनके पास खेत की जोत का आकार एक (1.0) हेक्टेयर तक है या 2.5 एकड़ हो (चाहे खेत बटाई पर लिया गया हो या खुद उसके मालिक हों।

दूसरी तरफ वे किसान जिनके पास खेत की जोत का आकार एक (1.0) हेक्टेयर से कम है, वह छोटे किसान की श्रेणी में आते हैं। वर्किंग ग्रुप के अनुसार 30 प्रतिशत कृषक परिवार अभी भी गैर संस्थागत स्रोतों से उधार ले रहे हैं जो कि चिंता का विषय है। आरबीआई समिति की रिपोर्ट के अनुसार समग्र स्तर पर बैंक प्रियोरिटी सेक्टर लैंडिंग (पीएसएल) के तहत छोटे एवं सीमांत किसानों के उप-लक्ष्य को हासिल करने में सफल हो गए हैं।

पीएसएस रिटर्न के अनुसार छोटे और सीमांत किसानों की श्रेणी में 5.138 करोड़ खाते हैं। वही कृषि जनगणना 2015-16 के अनुसार देश में छोटे एवं सीमांत किसानों की संख्या 12.563 करोड़ है। यह दर्शाता है कि अभी भी सात करोड़ से अधिक छोटे और सीमांत किसान बैंकिंग सिस्टम का हिस्सा नहीं बन पाए हैं। आईडब्ल्यूजी का कहना है कि बैंकों द्वारा छोटे एवं सीमांत किसानों का कवरेज का दायरा बढ़ाने की जरूरत है।

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