Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Sep, 2019 12:17 PM
नवरात्र का त्योहार सरकार के लिए संकटमोचक साबित होने जा रहा है, क्योंकि इस त्योहार के आने से देशभर में प्याज की महंगाई थम गई है। देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में शुक्रवार को प्याज का भाव तकरीबन स्थिर रहा और देश के अन्य हिस्सों
नई दिल्लीः नवरात्र का त्योहार सरकार के लिए संकटमोचक साबित होने जा रहा है, क्योंकि इस त्योहार के आने से देशभर में प्याज की महंगाई थम गई है। देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में शुक्रवार को प्याज का भाव तकरीबन स्थिर रहा और देश के अन्य हिस्सों में भी प्याज के दाम में हो रही बढ़ोतरी पर ब्रेक लग गया है। नवरात्र का त्योहार 29 सितंबर से शुरू हो रहा है। दस दिनों तक चलने वाले त्योहार के दौरान श्रद्धालु व्रत रखते हैं और ज्यादातर हिंदू परिवारों के लोग प्याज नहीं खाते हैं, जिसके कारण देश में प्याज की खपत कम हो जाती है।
कारोबारियों ने बताया कि प्याज के दाम में हो रही बढ़ोतरी पर विराम लगने की मुख्य वजह यह है कि अगले सप्ताह से नवरात्र का त्योहार शुरू हो जा रहा है। वहीं, अफगानिस्तान से प्याज आने की खबर मिलने और केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी असर देखने को मिला है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने प्याज की कीमतों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पिछले दिनों राज्यों को केंद्र सरकार के बफर स्टॉक से प्याज मुहैया करवाने घोषणा की थी। बताया जाता है कि आंध्रप्रदेश, त्रिपुरा, हरियाणा और दिल्ली को बफर स्टॉक से प्याज मुहैया करवाया गया है। इसके अलावा सरकार ने केंद्रीय एजेंसी नैफेड को खुले बाजार में प्याज बेचने को कहा है।
पासवान ने कहा था कि सरकारी एजेंसियों के स्टॉक में 35,000 टन प्याज बचा हुआ है और कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए एजेंसियां इस प्याज को बाजार में उतार रही है। उन्होंने जमाखारों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी थी। दिल्ली की आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि अगले सप्ताह नवरात्र शुरू होने के कारण प्याज में खुदरा व्यापारियों की मांग कमजोर हो गई है, जिससे कीमतों में स्थिरता बनी हुई है।
व्यापारिक सूत्र के अनुसार, आजादपुर मंडी में शुक्रवार को प्याज का थोक भाव 25-38 रुपए किलो था, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में जगह-जगह फुटकर विक्रेता 40-60 रुपए प्रति किलो प्याज बेच रहे थे। व्यापारिक सूत्र के अनुसार, दिल्ली में प्याज की आवक करीब 650 टन थी, जबकि मंडी में पहले का बचा हुआ करीब 92 ट्रक (करीब 1,800 टन) प्याज था, जिसके कारण कीमतों में स्थिरता बनी रही।