Edited By Supreet Kaur,Updated: 05 Sep, 2019 04:51 PM
जेपी इंफ्राटेक के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का जिम्मा एनबीसीसी ने लिया है। नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) भारत सरकार की नवरत्न कंपनियों में से एक है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनबीसीसी ने...
नई दिल्लीः जेपी इंफ्राटेक के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का जिम्मा एनबीसीसी ने लिया है। नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) भारत सरकार की नवरत्न कंपनियों में से एक है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनबीसीसी ने प्रोजेक्ट पूरा करने पर सहमति दी है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्या वह ये जिम्मेदारी निभाने को तैयार है? हां करने पर सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को 3 हफ्ते में सीलबंद लिफाफे में नया प्रस्ताव पेश करने को कहा है। एनबीसीसी के पास पहले ही आम्रपाली समूह के प्रोजेक्ट्स पूरे करने का जिम्मा है।
गौरतलब है कि जेपी इंफ्राटेक की परियोजनाओं में यमुना एक्सप्रेसवे, अस्पताल शामिल हैं और कंपनी पर करीब 8,000 करोड़ रुपए का सार्वजनिक धन बकाया है, जो उसने विभिन्न बैंकों से कर्ज के रूप में लिए थे। जेपी की परिसंपत्तियों को बेचकर धन जुटाया जा सकता है, जोकि देश भर में फैली है। लेकिन जेपी के मामले में दिवालिया न्यायाधिकरण के समक्ष कानूनी लड़ाई घर खरीदारों और बैंकों के कंसोर्टियम (संघ) के बीच चल रही है।