Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jan, 2022 10:23 AM
देश को 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाकर 8 प्रतिशत से अधिक करने की जरूरत है। भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने यह बात कही। उन्होंने उद्योग मंडल आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स
बिजनेस डेस्कः देश को 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाकर 8 प्रतिशत से अधिक करने की जरूरत है। भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने यह बात कही। उन्होंने उद्योग मंडल आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा, ‘‘अगर भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, तो निश्चित रूप से हम 5-6 प्रतिशत वृद्धि से खुश नहीं हो सकते। हमें आठ प्रतिशत से अधिक वृद्धि की जरूरत है।''
कुमार ने कहा कि आठ प्रतिशत और उससे अधिक की वृद्धि के लिए अर्थव्यवस्था में पैमाने पर निवेश की जरूरत है। साथ ही कर की कम दर की आवश्यकता है ताकि लोगों के साथ कंपनियों के हाथ में पैसा बचे। इसके अलावा निचले स्तर पर कारोबार सुगमता बढ़ाने तथा जमीन उपलब्धता आसान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें विनिर्माण, कृषि और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत है। हम सभी पूंजी के लिए पूरी तरह से सरकार पर निर्भर नहीं हो सकते।''
कुमार ने कहा कि सरकार ने कंपनी कर की दरों को युक्तिसंगत बनाया है और इस बारे में किसी को कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों के बावजूद जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद)- निवेश अनुपात नहीं सुधरा है। कुमाार ने कहा कि केंद्र सरकार के स्तर पर कड़े निर्णय और ठोस सुधारों को आगे बढ़ाने की इच्छा है लेकिन जब इसके क्रियान्वयन की बात आती है, नौकरशाही की वजह से मसले उत्पन्न होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि कारोबार सुगमता के मामले में देश की रैंकिंग सुधरी है लेकिन जिला स्तर पर नई इकाई लगाने को लेकर मंजूरी हासिल करने में अब भी समस्या है।