भारतीय रेलवे की नई पहल, शुरू की OTP आधारित रिफंड प्रणाली

Edited By Pardeep,Updated: 30 Oct, 2019 04:48 AM

new initiative of indian railways launched otp based refund

भारतीय रेलवे में यात्रा के लिए आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंटों के जरिए ऑनलाइन टिकट बुक करवाने वाले लाखों मुसाफिरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब यात्रा के दौरान अगर टिकट कंफर्म नहीं होता है या फिर टिकट कैंसिल करवाते हैं तो आपके पास रेलवे की ओर से एक...

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे में यात्रा के लिए आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंटों के जरिए ऑनलाइन टिकट बुक करवाने वाले लाखों मुसाफिरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब यात्रा के दौरान अगर टिकट कंफर्म नहीं होता है या फिर टिकट कैंसिल करवाते हैं तो आपके पास रेलवे की ओर से एक ओटीपी युक्त मैसेज आएगा। इसमें टिकट रिफंड की पूरी रकम और नंबर होगा, जिसके जरिए आप अधिकृत एजेंड से पूरा पैसा वसूल सकेंगे। 

इसके लिए भारतीय रेलवे ने अधिकृत रेलवे टिकट एजेंटों के माध्यम से बुक किए गए टिकटों के लिए एक नई ओटीपी आधारित रिफंड प्रणाली की शुरूआत की है। इसका लक्ष्य उन आरक्षित ई-टिकटों के लिए एक पारदर्शी और ग्राहकों के अनुकूल प्रणाली तैयार करना है, जो रद्द किए गए हों अथवा फुली वेटलिस्टेड ड्रॉप्ड टिकट हों।

भारतीय रेल के सार्वजनिक उपक्रम भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम लिमिटेड (आईआरसीटीसी) द्वारा यह नई प्रणाली लागू की जाएगी। इसके लिए यात्री के पंजीकृत मोबाइल नम्बर (बुकिंग के समय यात्री द्वारा एजेंट को दिया गया नम्बर) पर एसएमएस के रूप में ओटीपी भेजा जाएगा। रिफंड की राशि पाने के लिए यात्री के लिए टिकट बुक करने वाले एजेंट के साथ ओटीपी साझा करना होगा। रेलवे की इस सुविधा से यात्री रद्द किए गए टिकट अथवा फुली वेटलिस्टेड ड्रॉप्ड टिकट के लिए अपनी ओर से एजेंट द्वारा प्राप्त की गई धनराशि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। रेलवे के मुताबिक रद्दीकरण रिफंड प्रक्रिया को सुसंगत बनाना इस योजना का उद्देश्य है, ताकि एजेंटों द्वारा रद्दीकरण धनराशि ग्राहक को समय पर मिल सके। 

बता दें कि अभी तक यात्रियों को रिफंड लेने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। एक शहर से दूसरे शहर यात्रा करने वाले यात्री टिकट कैंसिल होने या वेटिंग रह जाने की स्थिति में अपना रिफंड लेने में महीनों चक्कर काटते थे। आखिरकार ज्यादातर यात्री थक, हारकर पैसा छोड़ देते थे। इसको लेकर रेल मंत्रालय को काफी शिकायतें भी मिल रही थी। रेलवे ने हर पहलुओं की पड़ताल के बाद यह नई व्यवस्था शुरू करने को हरी झंडी दी। 

एजेंटों के जरिए बनते हैं 27 फीसदी ई-टिकट 
रेल मंत्रालय के मुताबिक देशभर में आईआरसीटीसी के जरिए कुल ऑनलाइन रेलवे टिकट करीब 9 लाख बनवाए जाते हैं। इसमें अधिकृत एजेंटों के माध्यम से करीब 27 प्रतिशत टिकट बनता है। देशभर में करीब 1.7 लाख एजेंट आईआरसीटीसी से रजिस्टर्ड हैं, जो ई-टिकट बनाते हैं। यह नई ओटीपी रिफंड व्यवस्था इन्हीं एजेंटों के जरिए बनाए गए टिकटों पर लागू होगी।

यात्री सही मोबाइल नंबर एजेंट को उपलब्ध कराएं 
रेल मंत्रालय ने सभी यात्रियों को कहा है कि आरक्षित रेल ई-टिकट की बुकिंग के समय आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंट को किसी एक यात्री का सही-सही मोबाइल नम्बर जरूर  उपलब्ध कराएं। साथ ही यह सुनिशिचत करना कि आरक्षित रेल ई-टिकट की बुकिंग के समय एजेंट मोबाइल नम्बर सही-सही दर्ज करता है या नहीं। इसके अलावा यह भी ध्यान रखना है कि ग्राहकों के लिए आरक्षित रेल ई-टिकटों की बुकिंग करने की अनुमति केवल आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंटों को ही है। रद्द टिकटों अथवा फुली वेटलिस्टेड ड्रॉप्ड टिकटों के लिए ओटीपी आधारित रिफंड की प्रक्रिया केवल तभी की जाएगी, जब आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंटों के माध्यम से टिकट बुक किया गया हो।
 

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