Edited By Supreet Kaur,Updated: 07 Aug, 2019 04:54 PM
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि किसी भी बड़ी और बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) को डूबने नहीं दिया जाएगा। दास ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब कई एनबीएनफसी और कुछ आवासीय वित्त कंपनियां भुगतान...
मुंबईः रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि किसी भी बड़ी और बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) को डूबने नहीं दिया जाएगा। दास ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब कई एनबीएनफसी और कुछ आवासीय वित्त कंपनियां भुगतान के लिए नकद धन की गंभीर तंगी से जूझ रही हैं।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने करीब 50 बड़ी एनबीएफसी की पहचान की है जिनमें कुछ आवास ऋण देने वाली कंपनियां भी शामिल हैं। इनकी निगरानी की जा रही है। दास ने द्वैमासिक नीति समीक्षा की घोषणा करने के बाद कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने की हमारी कोशिश है कि किसी बड़े और महत्वपूर्ण एनबीएफसी को डूबने नहीं दिया जाए।''
उन्होंने एनबीएफसी के गारंटी वाली पूल किए गए ऋणों की खरीद पर सरकारी बैंकों को पहले घाटे पर 10 प्रतिशत की सरकारी गारंटी देने की बजट घोषणा की याद दिलाई। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने इसके क्रियान्वयन में मदद के लिए तरलता से संबंधित कदमों की घोषणा की। इन प्रयासों से एनबीएफसी को 1.3 हजार अरब रुपए के कर्ज की अतिरिक्त सुविधा मिल सकती है। हालांकि यह सुविधा सिर्फ बेहतर रेटिंग वालों को ही मिलेगा।