Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Jul, 2019 11:02 AM
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने फ्यूचर जनरल बीमा कम्पनी को दुर्घटनाग्रस्त कार का क्लेम नहीं देने पर उपभोक्ता नसीब सिंह को 45 दिनों के भीतर 2.12 लाख रुपए अदा करने का आदेश दिया।
कुरुक्षेत्रः जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने फ्यूचर जनरल बीमा कम्पनी को दुर्घटनाग्रस्त कार का क्लेम नहीं देने पर उपभोक्ता नसीब सिंह को 45 दिनों के भीतर 2.12 लाख रुपए अदा करने का आदेश दिया।
क्या है मामला
नसीब सिंह पुत्र कश्मीर सिंह निवासी पुरानी अनाज मंडी इस्माइलाबाद ने अपनी शैवरले बीट का बीमा 6 जुलाई, 2014 को 1 वर्ष के लिए करवाया था। बीमा के दस्तावेजों में इस 2012 मॉडल कार की वैल्यू 4,28,500 रुपए अंकित की गई थी। कार का 29 जून, 2015 को अचानक पशु आगे आने से एक्सीडैंट हो गया। दुर्घटना की सूचना उसने बीमा कम्पनी को दी तथा दुर्घटनाग्रस्त कार को क्रेन के माध्यम से भारत मोटर गैराज में लाया गया। इसमें उपभोक्ता ने 3,500 रुपए खर्च किए। गैराज संचालक ने कार को ठीक करने का खर्च करीब 5.14 लाख रुपए बताया। बीमा कम्पनी ने शैवरले डीलर से कार की रिपेयर करवाने की सलाह दी। उसके बाद रमन ऑटो सर्वेयर से दुर्घटनाग्रस्त कार का सर्वे करवाया। इसमें सर्वेयर ने कार की बीमा वैल्यू की 75 प्रतिशत राशि देने की बात कही। शिकायतकत्र्ता ने वी.पी.एस. मोटर कुरुक्षेत्र से 3.83 लाख रुपए का एस्टीमेट लिया। शिकायतकत्र्ता ने बीमा कम्पनी को 16 अगस्त, 2015 को लीगल नोटिस भेजा मगर बीमा कम्पनी के अधिकारियों ने परवाह नहीं की। परेशान होकर शिकायतकत्र्ता ने उपभोक्ता अदालत में केस कर दिया।
यह कहा फोरम ने
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम की अध्यक्षा नीलम कश्यप तथा सदस्यों ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश दिया कि कम्पनी 45 दिनों के भीतर 2.07 लाख तथा मानसिक उत्पीडऩ की एवज में 5,000 रुपए अदा करे, वर्ना 7 प्रतिशत सालाना ब्याज भी अदा करना होगा।