Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Oct, 2020 11:44 AM
सड़क किनारे रेहड़ी पर खाना बेचने वालों (स्ट्रीट फूड वेंडर्स) को ऑनलाइन लाने के लिए सरकार ने एक अनोखी पहल की है। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने इसके लिए फूड डिलिवरी ऐप स्विगी से हाथ मिलाया है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत यह पहल की गई है।
बिजनेस डेस्कः सड़क किनारे रेहड़ी पर खाना बेचने वालों (स्ट्रीट फूड वेंडर्स) को ऑनलाइन लाने के लिए सरकार ने एक अनोखी पहल की है। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने इसके लिए फूड डिलिवरी ऐप स्विगी से हाथ मिलाया है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत यह पहल की गई है। इससे खोमचे वालों को बड़ा बाजार मिलेगा और अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। फिलहाल पांच शहरों अहमदाबाद, चेन्नई, दिल्ली, इंदौर और वाराणसी में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है।
पीएम स्वनिधि योजना के तहत इन पांच शहरों में 250 वेंडर इस प्रोग्राम से जुड़े हैं। साथ ही पीएम स्वनिधि डैशबोर्ड का अपडेटेड वर्जन लॉन्च, 50 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को होगा फायदा। कोरोना काल में कोरोना वायरस को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सबसे अहम है। ऐसे में यह पहल शहरों में स्ट्रीट वेंडर्स को अपना कारोबार बढ़ाने के लिए वरदान साबित हो सकती है। मंत्रालय इसके लिए सभी स्टेकहोल्डरों मसलन, म्यूनिसिपल कॉरपोरेशंस, एफएसएसएआई, स्विगी और जीएसटी अधिकारियों के बीच समन्वय का काम कर रहा है।
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कैसे की जाएगी मदद
स्ट्रीट वेंडर्स को पैन और एफएसएसएआई रजिस्ट्रेशन हासिल करने में मदद की जाएगी। साथ ही उन्हें टेक्नोलॉजी, मेन्यू डिजिटाइजेशन, कीमत, साफ-सफाई और पैकेजिंग के बेस्ट तरीकों से अवगत कराया जाएगा। अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है तो इस परियोजना को पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। मंत्रालय की इस पहल से ऑनलाइन फूड डिलीवरी के क्षेत्र में लोकप्रिय मंच स्विगी से स्ट्रीट फूड वेंडर न सिर्फ तकनीकी रूप से सशक्त बनेंगे बल्कि उनकी आय के लिए बड़ा मार्ग प्रशस्त होगा।
पीएम स्वनिधि योजना
मंत्रालय ने पीएम स्वनिधि योजना 1 जून, 2020 से क्रियान्वित की है। इसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी के कारण देशबंदी से बुरी तरह प्रभावित हुए स्ट्रीट वेंडर्स को अपनी आजीविका फिर से शुरू करने के लिए सस्ते दर पर छोटे ऋण उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत 24 मार्च, 2020 से पहले शहरों में स्ट्रीट वेंडर्स के रूप में काम करने वाले 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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10 हजार रुपए का लोन
इसके अंतर्गत स्ट्रीट वेंडर अपना काम शुरू करने के लिए 10,000 रुपए का छोटा लोन ले सकते हैं, जिसे 1 वर्ष की अवधि में उन्हें वापस लौटाना होगा। समय पर, या समय से पहले भुगतान करने पर खाताधारक के खाते में 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज सब्सिडी तिमाही आधार पर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के मध्यम से दी जाएगी। लोन के पहले भुगतान पर कोई जुर्माना नहीं होगा। यह योजना 1,200 रुपए तक के कैश बैक के रूप में प्रोत्साहन से डिजिटल लेन-देन को भी बढ़ाव देती है।
कितने लोगों को मिल चुका है लोन
समय पर या समय से पहले लोन का भुगतान कर गली विक्रेता अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए और अधिक ऋण की पात्रता हासिल कर सकते हैं। पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 4 अक्टूबर, 2020 तक 20 लाख से अधिक ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 7.5 लाख से अधिक आवेदन मंजूर किए जा चुके हैं और 2.4 लाख से अधिक लोन वितरित किया जा चुके हैं।
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