सरकारी बैंकों में FDI सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं: सुभाष चंद्र

Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 May, 2018 06:57 PM

no proposal to hike fdi limit in psbs eco secy

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) सीमा बढ़ाने को लेकर अटकलों पर विराम लगाते हुए आज कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।

नई दिल्लीः आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) सीमा बढ़ाने को लेकर अटकलों पर विराम लगाते हुए आज कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की संभावना को भी खारिज कर दिया।

गर्ग ने कहा, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसयू) में एफ.डी.आई. सीमा में छूट देने का कोई प्रस्ताव नहीं है।’’ वर्तमान में सरकारी मंजूरी मार्ग के जरिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20 प्रतिशत विदेशी निवेश की मंजूरी है। हालांकि, निजी क्षेत्र के बैंकों के मामले में यह 74 प्रतिशत है लेकिन इसमें शर्त है कि इन कंपनियों के नियंत्रण एवं प्रबंधन में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।

विशेषज्ञों के अनुसार विदेशी निवेश में वृद्धि से पूंजी प्रवाह बढ़ेगा जिसकी पीएसयू बैंकों को जरूरत है। संसाधन सीमित होने के कारण सरकार इन बैंकों को सीमित समर्थन ही उपलब्ध करा सकती है। पिछले साल सरकार ने फंसे कर्ज (एनपीए) से प्रभावित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में दो साल में 2.11 लाख करोड़ रुपए पूंजी डालने की घोषणा की थी। इसमें से सरकार 2017-18 में 20 सरकारी बैंकों में 88,139 करोड़ रुपए की पूंजी डाल चुकी है। सबसे अधिक 10,610 करोड़ रुपए आईडीबीआई बैंक को दिए गए। स्टेट बैंक को 8,800 करोड़ और बैंक आफ इंडिया को 9,232 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।   उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित राशि दिसंबर 2017 में बढ़कर 8.31 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है जो कि मार्च 2015 में 2.78 लाख करोड़ रुपए थी।   

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