Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 May, 2018 01:49 PM
आयकर विभाग ने टैक्स क्लैक्शन के लिए हाल में एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी (MNC) को असेसमेंट इयर 2011-12 में हुई कुछ इनकम के लिए रिटर्न फाइल करने का नोटिस भेजा है। आयकर विभाग का कहना है
नई दिल्लीः आयकर विभाग ने टैक्स क्लैक्शन के लिए हाल में एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी (MNC) को असेसमेंट इयर 2011-12 में हुई कुछ इनकम के लिए रिटर्न फाइल करने का नोटिस भेजा है। आयकर विभाग का कहना है कि कंपनी की उस इनकम का असेसमेंट नहीं हुआ था। MNC की इंडिया में न कोई सब्सिडियरी है और न ही कोई प्रतिनिधि कार्यालय है।
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि बहुत सी कंपनियों को टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करने के लिए ऐसे नोटिस मिले हैं। नोटिस डाक से उन जगहों पर भेजे गए थे, जहां से इन कंपनियों का कारोबार चल रहा है। नोटिस की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि इनमें से बहुत सी कंपनियां इंजिनियरिंग सर्विसेज सेक्टर की हैं। इन कंपनियों को इंडियन कस्टमर्स से फ्री इनकम होती है। माना जा रहा है कि टैक्स अथॉरिटीज ने उसकी सूचना हासिल करके उसके आधार पर नोटिस भेजा होगा।
अशोक माहेश्वरी ऐंड असोसिएट्स के पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा, 'फिलहाल यह साफ नहीं है कि ऐसे मामले किस आधार पर उठाए जा रहे हैं। असेसमेंट इयर 2011-12 के लिए रिटर्न फाइलिंग की डिमांड शुरु हो सकती है। टैक्सपेयर्स को बाद के असेसमेंट इयर के लिए भी नोटिस मिल सकते हैं।' माहेश्वरी ने कहा कि कंपनियों को टैक्स ट्रीटीज के तहत भले इग्जेंप्शन मिला हुआ हो लेकिन आयकर विभाग के पास उनका रिटर्न होना चाहिए। यह समस्या असेसमेंट इयर 2010-11 तक की फाइलिंग से जुड़ी हो सकती है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बजट अमेंडमेंट के बाद टैक्स फाइलिंग नहीं होने पर टैक्स अथॉरिटी को दंडात्मक कार्रवाई शुरू करने का अधिकार मिलने से यह मुद्दा संवेदनशील हो गया है। इसके चलते विदेशी कंपनियों को फिक्र होने लगी है। जिन विदेशी कंपनियों पर विदहोल्डिंग टैक्स लगता है, उनके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी होता है।