Edited By Supreet Kaur,Updated: 13 Oct, 2018 04:55 PM
रुपए की गिरती कीमत ने बहुत सारे लोगों को प्रभावित किया है लेकिन अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को इसका काफी फायदा हुआ है। पिछले एक साल में रुपए की कीमत 14 फीसदी गिर चुकी है। अक्टूबर 2017 में एक डॉलर की कीमत 65 रुपए थी जो मौजूदा समय में 74 रुपए के पार...
नई दिल्लीः रुपए की गिरती कीमत ने बहुत सारे लोगों को प्रभावित किया है लेकिन अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को इसका काफी फायदा हुआ है। पिछले एक साल में रुपए की कीमत 14 फीसदी गिर चुकी है। अक्टूबर 2017 में एक डॉलर की कीमत 65 रुपए थी जो मौजूदा समय में 74 रुपए के पार निकल चुकी है। गिरते रुपए के कारण एनआरआईज को भारत में प्रॉपर्टी खरीदनी पहले से काफी सस्ती पड़ रही है जिसके चलते रियल एस्टेट सेक्टर में एनआरआईज रुचि दिखा रहे हैं।
प्रॉपर्टी सलाहकारों के अनुसार डॉलर, पौंड और यूएई दिरहम जैसी करंसियों में रुपए की कीमत ज्यादा बनने से बड़ी संख्या में एनआरआईज रियल एस्टेट बाजार में पैसा लगाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। उनके मुताबिक पिछले कुछ महीनों में जिस तरह रुपए में तेज गिरावट आई है उसे देखते हुए प्रॉपर्टी बाजार में एनआरआईज की मांग और बढ़ने की संभावना है। पिछले कुछ वर्षों से एनआरआईज निवेश में ज्यादा तेजी नहीं थी लेकिन इस वर्ष अच्छी बढ़त देखने को मिली है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रियल एस्टेट में एनआरआईज निवेश साल 2014 में 5 अरब डॉलर के मुकाबले 2018 में दोगुना बढ़कर 10.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।इसका मुख्य कारण रुपए में गिरावट ही है जिसने एनआरआईज के लिए प्रॉपर्टी खरीदना सस्ता कर दिया है। हालांकि भारत में प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए एनआरआईज को भी अन्य निवेशकों की तरह कुछ नियमों की पालना करनी पड़ती है। भारतीय पासपोर्ट वाले एनआरआईज को भारत में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए तब तक किसी मंजूरी की जरुरत नहीं होती जब तक वह कुछ पड़ोसी देशों का नागरिक नहीं होता- खास तौर पर पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, ईरान, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान और चीन।