Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Mar, 2018 01:11 PM
उद्योग संगठन एसोचैम का कहना है कि पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) धोखाधड़ी मामले से हुई क्षति को सीमित करना जरूरी है क्योंकि बैंकों और जांच एजेंसियों की अति उत्साही प्रतिक्रिया से कारोबार और उद्योगों के लिए आवश्यक क्रेडिट के वितरण में दिक्कतें आएंगी...
नई दिल्लीः उद्योग संगठन एसोचैम का कहना है कि पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) धोखाधड़ी मामले से हुई क्षति को सीमित करना जरूरी है क्योंकि बैंकों और जांच एजेंसियों की अति उत्साही प्रतिक्रिया से कारोबार और उद्योगों के लिए आवश्यक क्रेडिट के वितरण में दिक्कतें आएंगी तथा विकास की संभावनाएं क्षीण होंगी।
एसोचैम ने आज कहा कि पी.एन.बी. धोखाधड़ी की क्षति को सीमित करने के लिए बैंकों, नियामकों, सरकार और उद्योग जगत को मिलकर प्रयास करना होगा। संगठन के महासचिव डी एस रावत ने कहा कि मीडिया की सुर्खियों और कथित घोटाले के खुलासे से बैंक अब सर्तक हो गए हैं और नियामकों पर भी यह दबाव आ गया है कि वह सख्त कार्रवाई करें। समस्या की व्यापकता को देखते हुए जो होहल्ला मच रहा है उसे जायज ठहराया जा सकता है लेकिन इससे भरोसे में बहुत बड़ी कमी आएगी। इसीलिए समय आ गया है कि संयम बरतते हुए विपरीत परिस्थतियों को प्रणालीगत मुद्दे के हल का अवसर माना जाए।
संगठन ने कहा, "हम 2007-2008 के वैश्विक वित्तीय संकट को झेलने के अमेरिका के तरीके से सीख सकते हैं। अमेरिकी प्रशासन ने अपनी बैंकिंग प्रणाली को जड़ से दुरुस्त किया और जोखिम से निपटने की प्रणाली में सुधार किया।" भारतीय परिदृश्य में बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से कम करने की बहस को बढ़ावा देने के साथ सरकारी बैंकों में क्षमता निर्माण की दिशा में कुछ त्वरित कदम उठाए जाने चाहिए ताकि वे धोखाधड़ी की पहचान करें, उसकी रोमथाम करें और उस पर कार्रवाई करें।