Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Mar, 2022 05:19 PM
सार्वजनिक क्षेत्र का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) चार अप्रैल से 10 लाख रुपए या उससे अधिक मूल्य के चेक का समाशोधन उसे जारी करने वाले से दोबारा उसकी पुष्टि करने के बाद ही करेगा। पीएनबी ने मंगलवार को कहा कि बड़ी राशि के चेक के मामले में धोखाधड़ी की आशंका...
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) चार अप्रैल से 10 लाख रुपए या उससे अधिक मूल्य के चेक का समाशोधन उसे जारी करने वाले से दोबारा उसकी पुष्टि करने के बाद ही करेगा। पीएनबी ने मंगलवार को कहा कि बड़ी राशि के चेक के मामले में धोखाधड़ी की आशंका से बैंक ग्राहकों को बचाने के लिये यह कदम उठाया गया है। इसके तहत सकारात्मक भुगतान प्रणाली (पीपीएस) चार अप्रैल, 2022 से अनिवार्य होगी।
बैंक ने रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के अनुरुप 50,000 रुपए और उससे ऊपर के सीटीएस (चेक ट्रंकेशन सिस्टम) समाशोधन की व्यवस्था एक जनवरी, 2021 से लागू की थी। सीटीएस इलेक्ट्रॉनिक रूप से चेक के समाशोधन की व्यवस्था है। आरबीआई ने कहा है कि हालांकि सुविधा का लाभ उठाना खाताधारक पर निर्भर है लेकिन बैंक पांच लाख रुपए और उससे अधिक के चेक के समाशोधन के लिए इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर सकते हैं।
पीएनबी ने कहा कि अगले महीने से 10 लाख रुपए और उससे अधिक के चेक के समाशोधन के लिए सकारात्मक भुगतान प्रणाली अनिवार्य कर दी जाएगी। सकारात्मक भुगतान प्रणाली को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने तैयार किया है। इस व्यवस्था के तहत उच्च मूल्य के चेक जारी करने वाले ग्राहकों को कुछ जरूरी जानकारी की दोबारा से पुष्टि करनी होती है। उस ब्योरो का भुगतान के लिए चेक के निपटान से पहले मिलान किया जाता है।
ग्राहकों को पीपीएस के तहत उच्च मूल्य के चेक के निपटान को लेकर खाता संख्या, चेक नंबर, चेक अल्फा कोड, जारी करने की तारीख, राशि, लाभार्थी का नाम जैसे विवरण साझा करने होंगे। बैंक के अनुसार, ‘‘जो चेक पीपीएस के तहत पंजीकृत होंगे, उन्हें ही विवाद समाधान व्यवस्था के तहत स्वीकार किया जाएगा।’’