2023-24 में आलू-प्याज का उत्पादन हो सकता है कम, जानिए दूसरी सब्जियों का क्या रहेगा हाल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Mar, 2024 01:13 PM

potato and onion production may be less in 2023 24 know what

वर्ष 2023-24 में प्याज और आलू का उत्पादन पिछले साल से कम रह सकता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में इनके उत्पादन में कमी का असर कुल उत्पादन पर पड़ेगा। कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2023-24 के लिए अपने पहले अग्रिम अनुमान में...

नई दिल्ली: वर्ष 2023-24 में प्याज और आलू का उत्पादन पिछले साल से कम रह सकता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में इनके उत्पादन में कमी का असर कुल उत्पादन पर पड़ेगा। कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2023-24 के लिए अपने पहले अग्रिम अनुमान में यह जानकारी दी। मंत्रालय के मुताबिक, आलू-प्याज का उत्पादन घटने के बावजूद बागवानी फसलों के कुल उत्पादन में कमी नहीं होगी। मंत्रालय के के अनुमान के मुताबिक, देश में बागवानी फसलों का कुल उत्पादन 35 करोड़ 53 लाख टन होने का अनुमान है। मंत्रालय ने 2022-23 के लिए अंतिम अनुमान भी जारी किया। इसके मुताबिक, 2022-23 में देश में बागवानी फसलों का उत्पादन 35.55 करोड़ टन होने का अनुमान है।

मंत्रालय ने बताया कि 2023-24 में प्याज का उत्पादन पिछले वर्ष के लगभग 302 लाख 8 हजार टन के मुकाबले लगभग 254 लाख 73 हजार टन होने की संभावना है। महाराष्ट्र में 34.31 लाख टन, कर्नाटक में 9.95 लाख टन, आंध्र प्रदेश में 3.54 लाख टन और राजस्थान में 3.12 लाख टन की कमी का असर कुल उत्पादन में दिखेगा। इसी तरह 2023-24 में आलू का उत्पादन लगभग 589 लाख 94 हजार टन होने की उम्मीद है। पिछले साल यह लगभग 601 लाख 42 हजार टन था। पश्चिम बंगाल में पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन घटने का असर पड़ा है। सब्जियों का उत्पादन लगभग 20 करोड़ 94 लाख टन होने का अनुमान है।

इनका उत्पादन बढ़ने का अनुमान

पत्तागोभी, फूलगोभी, लौकी और टमाटर का उत्पादन बढ़ने की संभावना है। टमाटर का उत्पादन पिछले साल के लगभग 204 लाख 25 हजार टन की तुलना में लगभग 208 लाख 19 हजार टन होने की उम्मीद है। इस तरह इसमें करीब 1.9 प्रतिशत की बढ़त होगी। फलों का उत्पादन 11 करोड़ 21 लाख टन होने का अनुमान है। मुख्य रूप से केला, संतरा और आम का उत्पादन ज्यादा बढ़ेगा।

सब्जियों और दालों के दाम में तेजी

फरवरी में आलू, टमाटर और दालों के दाम बढ़ने के चलते रिटेल इंफ्लेशन 5 प्रतिशत के ऊपर रहने के आसार हैं। जनवरी में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित रिटेल इंफ्लेशन 5.1 प्रतिशत पर थी। जनवरी में फूड इंफ्लेशन दिसंबर के 9.53% से घटकर 8.3% पर आ गई थी लेकिन सब्जियों की महंगाई दर 27% के आसपास थी।बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री दीपान्विता मजूमदार के मुताबिक, ‘फरवरी में खासतौर से आलू, टमाटर और दालों के अलावा खाद्य तेलों, चाय और गुड़ के दाम बढ़े। बैंक ऑफ बड़ौदा का सेंशियल कमोडिटी इंडेक्स फरवरी में 0.4% बढ़ा। चावल के दाम सालभर पहले के मुकाबले 14.2%, अरहर दाल के लगभग 34%, चीनी के 6.5%, प्याज के लगभग 29% और टमाटर के 38% बढ़े। कुलमिलाकर फरवरी में रिटेल इंफ्लेशन 5.1% के आसपास रहने का अनुमान है।’ मजूमदार ने कहा, ‘दलहन के मामले में खरीफ और रबी की उपज कमजोर बनी रही। लिहाजा आने वाले दिनों में कीमतों पर नजर रखने की जरूरत है।

सप्लाई पर पड़ सकता है असर

मार्च के पहले 5 दिनों में बैंक ऑफ बड़ौदा का ECI सालभर पहले के मुकाबले 5.5% बढ़ा है। तिमाही आधार पर गेहूं आटा, उड़द को छोड़कर बाकी दालों, सरसों और सोया तेल, प्याज और आलू के दाम बढ़े हैं।’ उन्होंने कहा, ‘उत्तर भारत में ओले पड़ने और बारिश होने से सप्लाई पर असर पड़ सकता है। इसका प्रभाव कुछ फसलों के दाम पर दिखेगा। दालों के दाम बढ़ रहे हैं, उत्पादन कम रहने से निकट भविष्य में कीमतें बढ़ने का रुझान रह सकता है। आने वाले महीनों में भी प्राइस प्रेशर बना रहा तो रिटेल इंफ्लेशन 4 प्रतिशत के करीब नहीं आ पाएगी।’

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