Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Nov, 2019 03:49 PM
देश में प्याज की किल्लत और महंगाई के बीच कुछ निजी व्यापारियों ने इसके आयात के लिए ऑर्डर दे दिया हैं और इसी महीने के अंत तक बाहर से कम से कम 1,000 टन प्याज आने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
नई दिल्लीः देश में प्याज की किल्लत और महंगाई के बीच कुछ निजी व्यापारियों ने इसके आयात के लिए ऑर्डर दे दिया हैं और इसी महीने के अंत तक बाहर से कम से कम 1,000 टन प्याज आने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उम्मीद है कि इससे प्याज के बाजार की गर्मी शांत करने में मदद मिलेगी। फिलहाल, कई जगह खुदरा बाजार में प्याज 60 रुपए किलो से ऊपर चल रहा है। दिल्ली में एक हफ्ते पहले तक फुटकर में प्याज का भाव 100 रुपए तक पहुंच गया था। हालांकि, सरकार के विभिन्न उपाय करने के बाद कीमतों में थोड़ी नरमी आई है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "प्याज कारोबारियों ने सरकार को बताया कि उन्होंने थोड़ी मात्रा में प्याज का आयात किया है। कारोबारियों को उम्मीद है कि उनके ऑर्डर पर 1,000 टन प्याज इस महीने के अंत तक और कुछ अन्य खेप अगले महीने तक देश में आ जाएगी।" प्याज की आपूर्ति बढ़ने से दाम घटने की उम्मीद है।
अधिकारी ने कहा कि सरकार की ओर से आयातित प्याज के मामले में आयातित कृषि उत्पाद के धूम्र-उपचार संबंधी नियमों में ढील की समयसीमा को बढ़ाकर 31 दिसंबर करने से प्याज के आयात में आसानी होगी। प्याज की उपलब्धता को बेहतर बनाने और मूल्य पर अंकुश लगाने के लिए सरकार निजी और सार्वजनिक एजेंसियों के माध्यम से प्याज आयात की सुविधा प्रदान कर रही है।
सरकार ने सरकारी स्वामित्व वाली व्यापार कंपनी एमएमटीसी के जरिए एक लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला किया है। एमएमटीसी ने हाल ही में 4,000 टन प्याज के आयात के लिए बोलियां अमंत्रित की थीं। उल्लेखनीय है कि बाढ़ और सूखे की वजह से इस साल खरीफ (गर्मी) के मौसम में प्याज उत्पादन में 30-40 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है, जिससे प्याज के दाम चढ़े हुए हैं।