Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 May, 2020 05:24 PM
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए जारी ‘लॉकडाउन'' (बंद) की वजह से प्रभावित एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), खुदरा, कृषि और कॉरपोरेट समेत विभिन्न क्षेत्रों के लिए पिछले
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए जारी ‘लॉकडाउन' (बंद) की वजह से प्रभावित एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), खुदरा, कृषि और कॉरपोरेट समेत विभिन्न क्षेत्रों के लिए पिछले दो महीने के दौरान 5.95 लाख करोड़ रुपए के कर्ज को मंजूरी दी। वहीं, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को इन बैंकों से एक मार्च से लेकर आठ मई तक 1.18 लाख करोड़ रुपए का वित्तपोषण किया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने एक मार्च से आठ मई 2020 के दौरान एमएसएमई, खुदरा, कृषि और कॉरपोरेट क्षेत्र के 46.74 लाख खाताधारकों को 5.85 लाख करोड़ रुपए कर्ज देने को मंजूरी दी। जबकि इस दौरान एनबीएफसी को 1.18 लाख करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए।'' देश में 25 मार्च से ‘लॉकडाउन' शुरू होने के साथ पीएसबी ने कार्यशील पूंजी सीमा के आधार पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण सुविधा शुरू की। इसके तहत अधिकतम सीमा 200 करोड़ रुपए तय की गई।
एक अन्य ट्वीट में सीतारमण ने कहा, ‘‘20 मार्च से आठ मई के दौरान पीएसबी ने आपात ऋण सुविधा और बढ़ाई गई कार्यशील पूंजी सीमा के लिए पात्र कर्जदारों में से 97 प्रतिशत से संपर्क किया और उन्हें 65,879 करोड़ रुपए के कर्ज दिए गए।'' केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सबसे पहले 25 मार्च से 21 दिन के देशव्यापी बंद की घोषणा की। उसके बाद 15 अप्रैल से तीन मई तक दूसरे चरण का लॉकडाउन लगाया गया। तीसरे चरण में चार मई से लॉकडाउन को कुछ छूट के साथ बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया गया।