Edited By ,Updated: 11 Jul, 2016 03:31 PM
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने आज दालों की बढ़ती कीमतों पर कहा कि सरकार दालों के लिए लॉन्ग टर्म पॉलिसी बना रही है।
नई दिल्ली: खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने आज दालों की बढ़ती कीमतों पर कहा कि सरकार दालों के लिए लॉन्ग टर्म पॉलिसी बना रही है। अगले 2 महीनों में दालों की कीमतों में कमी देखने को मिलेगी। सरकार विदेशों से दाल इंपोर्ट के सौदे कर रही है। इसके अलावा सरकार ने दालों के केन्द्रीय बफर स्टॉक को भी बढ़ा दिया है।
दालों के केन्द्रीय बफर स्टॉक को बढ़ाकर 20 लाख टन कर दिया गया है पहले ये 8 लाख टन था। पासवान ने कहा कि सरकार दाल कीमतों को काबू करने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। केन्द्रीय बफर स्टॉक से दालें कम कीमत पर राज्यों को आवंटित की जाती है जिन्हे राज्य अधिकतम 120 प्रति किलो की दर पर बेच सकते हैं।
पासवान ने कहा कि सरकार विदेशों से दाल इंपोर्ट के लिए लॉन्ग टर्म खरीद समझौते कर रही है। मोजांबिक से दाल इंपोर्ट के लिए समझौता हो गया है। पहले साल मोजांबिक से 1 लाख टन दाल इंपोर्ट होगी। दूसरे साल 1.25-1.50 लाख टन और तीसरे साल 2 लाख टन दाल इंपोर्ट की जाएगी। इसके अलावा म्यांनमार से भी दाल खरीद को लेकर बातचीत चल रही है। खाद्य मंत्री ने कहा कि भारत में चना और अरहर दाल की सबसे ज्यादा खपत होती है जबकि विदेशों में में इन दालों का उत्पादन बहुत कम होता है। इसके अलावा दाल की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए राज्यों को सुनिश्चित करना होगा कि राज्यों में दाल की जमाखोरी न हो।
सरकार ने मौजूदा फसल वर्ष में दाल उत्पादन बढ़ने का अनुमान लगाया है। इस साल मानसून अच्छा होने से देश में दाल उत्पादन 2 करोड़ टन रह सकता है जबकि पिछले साल 1.7 करोड़ टन दाल उत्पादन हुआ था। वहीं देश में सालाना 2.3-2.4 करोड़ टन दाल खपत होती है।