Edited By ,Updated: 11 Mar, 2017 10:26 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) ने नोटबंदी के बाद महंगाई बढऩे की आशंका जताते हुए डिजिटल भुगतान को ‘‘सुरक्षित’’ बनाए जाने की आवश्यकता पर आज बल दिया।
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) ने नोटबंदी के बाद महंगाई बढऩे की आशंका जताते हुए डिजिटल भुगतान को ‘‘सुरक्षित’’ बनाए जाने की आवश्यकता पर आज बल दिया। उसने साथ ही कहा कि अर्थव्यवस्था पर कुछ समय के लिए पड़ा नोटबंदी का प्रतिकूल असर ‘‘काफी हद तक’’ पहले ही समाप्त हो चुका है।
रिजर्व बैंक के एक पत्र ने ‘नोटबंदी के व्यापक आर्थिक प्रभाव’ पर एक प्रारंभिक मूल्यांकन रिपोर्ट में कहा कि 15.6 लाख करोड़ रुपए के मूल्य के 1000 एवं 500 के नोट चलन से बाहर हो गए लेकिन अभी उस करेंसी का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सका है जो बैंकिंग प्रणाली में वापस आई है क्योंकि यह प्रक्रिया अभी जारी है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर असर पड़ा है। हालांकि इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसका प्रतिकूल असर कुछ समय के लिए ही था, जो नवंबर-दिसंबर में महसूस किया गया। रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटबंदी का असर फरवरी के मध्य से कम होना शुरू हो गया। बैंकिंग प्रणाली में नई करेंसी आने के साथ नोटबंदी का असर अब कम होना शुरू हो गया है। केंद्रीय बैंक ने अपने आकलन में कहा कि नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान में उल्लेखनीय सुधार हुआ है लेकिन अब भी इसका आधार काफी छोटा है।