RBI गवर्नर ने मुद्रास्फीति जोखिम को भांपते हुए रेपो दर वृद्धि पर भरी हामी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jun, 2018 05:38 AM

rbi the governor hid inflation risk

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने मुद्रास्फीति जोखिम और उससे जुड़ी दूसरी अनिश्चितताओं को देखते हुए अल्पावधि ब्याज दर में वृद्धि किए जाने के पक्ष में अपनी हामी भरी जबकि डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य का मानना था कि रेपो दर में 0.25 प्रतिशत वृद्धि के...

मुंबई: रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने मुद्रास्फीति जोखिम और उससे जुड़ी दूसरी अनिश्चितताओं को देखते हुए अल्पावधि ब्याज दर में वृद्धि किए जाने के पक्ष में अपनी हामी भरी जबकि डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य का मानना था कि रेपो दर में 0.25 प्रतिशत वृद्धि के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। मौद्रिक नीति समिति (एम.पी.सी.) बैठक के आज जारी विवरण में यह जानकारी सामने आई है। 

रिजर्व बैंक ने गत 6 जून को अल्पकालिक ब्याज दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया। 4 साल से अधिक समय के बाद रेपो दर में वृद्धि की गई। रिजर्व बैंक गवर्नर की अध्यक्षता में हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक में सभी सदस्यों की सहमति से यह निर्णय लिया गया। मुद्रास्फीति चिंताओं के चलते समिति के सदस्यों ने आम सहमति से रेपो दर में वृद्धि का निर्णय लिया। 

एम.पी.सी. बैठक के ब्यौरे में पटेल के हवाले से कहा गया है, ‘‘अप्रैल की मौद्रिक नीति के बाद महंगाई को लेकर जोखिम बढ़ा है, इसलिए मैं नीतिगत दर में 0.25 प्रतिश्त वृद्धि के पक्ष में अपना मत देता हूं। मौजूदा अनिश्चितताओं को देखते हुए यह जरूरी है कि तटस्थ रुख अपनाया जाए ताकि बदलती परिस्थितियों के साथ लचीना रुख रखते हुए समय पर प्रतिक्रिया दी जा सके।’’        

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