Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Apr, 2023 05:55 PM
सरकार चालू सत्र में किसानों से रिकॉर्ड तेजी के साथ गेहूं की खरीदारी कर रही है। पिछले साल पूरे सीजन में जितनी खरीदारी हुई थी, इस बार सरकार ने खरीद के उस आंकड़े को अभी ही पार लिया है। सरकार ने बीते दिनों गेहूं की खरीद के आंकड़ों की आधिकारिक जानकारी दी...
नई दिल्लीः सरकार चालू सत्र में किसानों से रिकॉर्ड तेजी के साथ गेहूं की खरीदारी कर रही है। पिछले साल पूरे सीजन में जितनी खरीदारी हुई थी, इस बार सरकार ने खरीद के उस आंकड़े को अभी ही पार लिया है। सरकार ने बीते दिनों गेहूं की खरीद के आंकड़ों की आधिकारिक जानकारी दी है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से शुरू हुए चालू विपणन वर्ष में अब तक गेहूं की खरीद 195 लाख टन तक पहुंच गई है, जो पिछले साल की कुल खरीद के स्तर से अधिक है। रबी विपणन सत्र हर साल अप्रैल से शुरू होता है और अगले साल मार्च तक चलता है लेकिन थोक स्तर पर खरीद अप्रैल से जून के बीच होती है। इसका मतलब हुआ कि एक महीने से भी कम समय में पूरे पिछले सीजन से ज्यादा गेहूं की खरीद हो चुकी है।
1 अप्रैल से शुरू हुआ सीजन
सरकार ने बताया कि रबी विपणन सत्र 2022-23 में यानी अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के दौरान 188 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। वहीं चालू विपणन सत्र में 26 अप्रैल तक ही गेहूं की खरीद 195 लाख टन की खरीद हो चुकी है यानी 1 अप्रैल से शुरू हुए रबी विपणन सत्र 2023-24 के दौरान गेहूं की खरीद पहले ही रबी विपणन सत्र 2022-23 की कुल खरीद स्तर को लांघ चुका है।
किसानों को मिला इतना फायदा
सरकार का कहना है कि गेहूं की सरकारी खरीद में इस तेजी से काफी हद तक किसानों को फायदा हुआ है। चल रहे गेहूं खरीद कार्यों के दौरान लगभग 41,148 करोड़ रुपए का एमएसपी पहले ही लगभग 14.96 लाख किसानों को दिया जा चुका है।
इन 3 राज्यों का योगदान
आंकड़ों के अनुसार, इस रिकॉर्ड खरीद में प्रमुख योगदान तीन गेहूं उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश ने दिया है। इस साल अब तक पंजाब में जहां 89.79 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है, हीं हरियाणा ने 54.26 लाख टन और मध्य प्रदेश ने 49.47 लाख टन का योगदान दिया है।