Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Nov, 2023 11:08 AM
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में लगातार दूसरे महीने घटकर 4.87 फीसदी पर आ गई जो पिछले पांच महीने का निचला स्तर है। इससे त्योहारी सीजन के बीच व्यापक आर्थिक मोर्चे पर सरकार को थोड़ी राहत मिली है।
नई दिल्लीः उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में लगातार दूसरे महीने घटकर 4.87 फीसदी पर आ गई जो पिछले पांच महीने का निचला स्तर है। इससे त्योहारी सीजन के बीच व्यापक आर्थिक मोर्चे पर सरकार को थोड़ी राहत मिली है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों से पता चला है कि अनुकूल बेस इफेक्ट के अलावा परिधान, फुटवियर, आवास, ईंधन, परिवहन आदि की कीमतों में नरमी के कारण अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.87 फीसदी रह गई। सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 5.02 फीसदी दर्ज की गई थी।
अक्टूबर में मुख्य मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 2 से 6 फीसदी की सहनशीलता सीमा के दायरे में रही। अब यह लगातार 49 महीनों के लिए 4 फीसदी के मध्यावधि लक्ष्य से ऊपर है।
केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा है कि मुद्रास्फीति में गिरावट से थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन देखना यह होगा कि यह कब तक बरकरार रहती है। खरीफ फसल के कमजोर रहने और रबी की बोआई प्रभावित होने से आगे मुद्रास्फीति प्रभावित हो सकती है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने भी लगभग इसी तरह की राय जाहिर की। आगे भी सतर्क रहना होगा क्योंकि खरीफ की उपज कम होने से मुद्रास्फीति प्रभावित हो सकती है।