Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Apr, 2024 02:01 PM
एमडीएच और एवरेस्ट मसाला विवाद की आंच हांगकांग और सिंगापुर होते हुए अब ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड तक पहुंच चुकी है। खाद्य मानक ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड (एफएसएएनजेड) ने मंगलवार को घोषणा की है कि वह भारतीय कंपनियों एमडीएच और एवरेस्ट की ओर से उत्पादित मसालों...
नई दिल्लीः एमडीएच और एवरेस्ट मसाला विवाद की आंच हांगकांग और सिंगापुर होते हुए अब ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड तक पहुंच चुकी है। खाद्य मानक ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड (एफएसएएनजेड) ने मंगलवार को घोषणा की है कि वह भारतीय कंपनियों एमडीएच और एवरेस्ट की ओर से उत्पादित मसालों में गड़बड़ी के आरोपों की जांच कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हांगकांग और सिंगापुर की तरह ही इस तरह की कार्रवाई के बाद ऑस्ट्रेलिया में भी इन उत्पादों को बाजार से वापस बुलाया जा सकता है।
हांगकांग ने हाल ही में तीन एमडीएच मसालों और एवरेस्ट के फिश करी मसालों की बिक्री पर रोक दी है। सिंगापुर ने एथिलीन ऑक्साइड के अत्यधिक स्तर का हवाला देते हुए बाजार से एवरेस्ट मसाले को मंगा लिया है। यह एक ऐसा रसायन है जिसके संपर्क में लंबे समय तक रहने से यह कैंसर का कारण बन सकता है।
एफएसएएनजेड ने एक बयान में कहा, "हम इस मुद्दे को समझने के लिए अंतरराष्ट्रीय समकक्षों के साथ और संघीय, राज्य और क्षेत्रीय खाद्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि ऑस्ट्रेलिया में आगे की कार्रवाई की आवश्यकता है या नहीं।"
एजेंसी ने कहा कि एथिलीन ऑक्साइड को ऑस्ट्रेलिया में बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों में उपयोग करने की अनुमति नहीं है। अगर कार्रवाई आगे बढ़ती है तो प्रभावित उत्पादों को बाजार से वापस मंगाया जा सकता है। एमडीएच और एवरेस्ट भारत के प्रमुख मसाला ब्रांड हैं जो यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका में महत्वपूर्ण उपस्थिति रखते हैं।
अमेरिका में यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) भी इस मामले की जांच कर रहा है। भारत में भी खाद्य नियामक ने एमडीएच और एवरेस्ट दोनों की उत्पादन सुविधाओं का निरीक्षण किया है। भारतीय मसालों पर सवाल खड़े होने और अंतरराष्ट्रीय नियामकों की ओर से जांच शुरू होने से खाद्य पदार्थों के प्रति स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ी हैं। आस्ट्रेलिया में ग्राहकों को सलाह दी गई है कि जांच के बाद होने वाले संभावित रिकॉल के बारे में सचेत रहें और खरीदारी के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करें।