Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Aug, 2025 04:08 PM

भारत की खुदरा महंगाई (CPI) जुलाई में घटकर 1.55% पर आ गई है, जो जून 2017 के बाद का सबसे निचला स्तर है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी और ईंधन की दरों में स्थिरता के चलते महंगाई में यह गिरावट देखने को मिली। यह...
नई दिल्लीः जुलाई महीने के लिए खुदरा महंगाई (CPI) का डेटा आ गया है। भारत की खुदरा महंगाई जुलाई में घटकर 1.55% पर आ गई है, जो जून 2017 के बाद का सबसे निचला स्तर है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी और ईंधन की दरों में स्थिरता के चलते महंगाई में यह गिरावट देखने को मिली। यह स्तर भारतीय रिज़र्व बैंक के 4% के महंगाई लक्ष्य से काफी नीचे है।
कम महंगाई दर से उम्मीद है कि उपभोक्ताओं की क्रयशक्ति में सुधार होगा और आर्थिक गतिविधियों को सहारा मिलेगा, हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इतने कम स्तर पर बनी रहने वाली महंगाई से डिमांड-साइड चुनौतियां भी पैदा हो सकती हैं।
RBI ने महंगाई का अनुमान घटाया
इससे पहले 4 से 6 अगस्त तक हुई RBI मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में भी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई का अनुमान 3.7% से घटाकर 3.1% कर दिया है। RBI ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 3.4% से घटाकर 2.1% कर दिया।