धान की बढ़ी आवक पलट सकती है चुनाव परिणाम!

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Dec, 2018 05:42 PM

rising of paddy can result in reversal

छत्तीसगढ़ में सरकारी खरीद केंद्रों पर धान की आवक में तेजी आई है। इसे राजनीतिक पंडितों के अनुमान हिल सकते हैं। माना जा रहा है कि राज्य विधानसभा के इस चुनाव में किसानों की भूमिका अहम होगी।

रायपुरः छत्तीसगढ़ में सरकारी खरीद केंद्रों पर धान की आवक में तेजी आई है। इसे राजनीतिक पंडितों के अनुमान हिल सकते हैं। माना जा रहा है कि राज्य विधानसभा के इस चुनाव में किसानों की भूमिका अहम होगी। राज्य में पिछले महीने 12 और 20 तारीख को दो चरणों में चुनाव हुए थे। मतदान 75 प्रतिशत हुआ था, जिसे देखते हुए रानजीतिक टीकाकारों ने कांग्रेस के लिए फायदा बताया था। 

चुनाव में दलों द्वारा किए गए चुनावी वादों के मद्देनजर किसानों ने मुनाफे की आस में अपनी फसल बाहर नहीं निकाली थी। इस खबर से कांग्रेस काफी खुश नजर आ रही थी। चुनाव से पहले दलों ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि तथा एमएसपी में बोनस देने का वादा किया था। हालांकि अब आवक तेज होने से कई तरह के कयास लगने लगे हैं। 

विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने किसानों से वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आती है तो धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,500 रुपए प्रति क्विंटल करेगी और कृषि ऋण भी माफ किया जाएगा। सत्ताधारी दल भाजपा की ओर से एमएसपी के अलावा 300 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की गई थी। राज्य सरकार द्वारा संचालित मार्कफेड के अधिकारियों के अनुसार 1,995 खरीद केंद्रों पर करीब 14 लाख टन धान की आवक हुई है। इसकी खरीद पर सरकार के 2,911.62 करोड़ रुपए खर्च होंगे। राज्य सरकार ने खरीफ सत्र 2018-19 में 75 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है। करीब 10 दिन पहले तक 5,49,000 टन धान की बिक्री की गई थी जबकि खरीद की प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरू हुई है। 

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