Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Mar, 2022 09:06 AM
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में पैदा हुए गतिरोध को देखते हुए भारत को कीमत नियंत्रण संबंधी अपनी प्रतिक्रिया में बदलाव लाने की जरूरत है। राजन ने कहा कि महंगाई के
बिजनेस डेस्कः आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में पैदा हुए गतिरोध को देखते हुए भारत को कीमत नियंत्रण संबंधी अपनी प्रतिक्रिया में बदलाव लाने की जरूरत है। राजन ने कहा कि महंगाई के खिलाफ इस जंग में हार होने पर न तो सरकार और न ही आरबीआई का मकसद पूरा हो पाएगा। किसी भी केंद्रीय बैंक के लिए सरकार से मिले निर्देश का सम्मान करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, भारत के केंद्रीय बैंक को एक निर्देश है और वह उस पर खरा भी उतरा है। महामारी के समय ब्याज दरों में बढ़ोतरी न कर मध्यम स्तर की महंगाई को तरजीह दी गई।
आरबीआई को यह निर्देश है कि महंगाई को चार फीसदी के स्तर पर रखा जाए, जिसमें दो प्रतिशत कम या ज्यादा होने की गुंजाइश रखी गई है। उन्होंने कहा, किसी भी अन्य केंद्रीय बैंक की तरह हमें भी नई चुनौतियां आने पर समाधान करना है। ऐसा नहीं करने पर यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं होगा।
कई हिस्सों में महंगाई उच्च स्तर पर पहुंची
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत में महंगाई की मौजूदा स्थिति एक अस्थायी झटका है, तो उन्होंने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में पहले से ही ऊंचे स्तर पर मौजूद महंगाई के ऊपर की स्थिति है। इस तरह युद्ध का अतिरिक्त प्रभाव पड़ता है, जिससे महंगाई बढ़ रही है।
डिजिटल मुद्रा से बढ़ेगा लेनदेन
आरबीआई की ओर से प्रस्तावित केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा से लेनदेन की गति में सुधार होगा। नकदी की लागत घटाने में मदद मिलेगी। डेलॉय ने कहा, दुनिया के केंद्रीय बैंक अपनी राष्ट्रीय डिजिटल मुद्राओं को पेश करने के विभिन्न चरणों में हैं।