Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jul, 2019 11:57 AM
चीनी मोबाइल कंपनियां बाकी मोबाइल कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है। इसका असर अब दिखने भी लगा है। कोरिया की दिग्गज कंपनी सैमसंग भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या कम करने वाली है। कंपनी एम्प्लाइज की संख्या में 1000 तक की कटौती करने वाली है।
नई दिल्लीः चीनी मोबाइल कंपनियां बाकी मोबाइल कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है। इसका असर अब दिखने भी लगा है। कोरिया की दिग्गज कंपनी सैमसंग भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या कम करने वाली है। कंपनी एम्प्लाइज की संख्या में 1000 तक की कटौती करने वाली है। इससे पहले सैमसंग को अपने मार्जिन और मुनाफे में कटौती करने को मजबूर होना पड़ा था। वहीं, सैमसंग इंडिया ने छंटनी की खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सैमसंग इंडिया के प्रवक्ता ने कहा है कि मीडिया के एक हिस्से में सैमसंग के बारे में आज का लेख भ्रामक है। उन्होंने कहा, कंपनी भारतीय कारोबार के लिए प्रतिबद्ध है और सभी कारोबार में अच्छा निवेश करेगी।
देश की सबसे बड़ी कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल फोन मेकर कंपनी सैमसंग को अपनी लागत को कम करने के लिए ये छंटनी करनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि सैमसंग अब तक अपने टेलीकॉम डिवीजन से 150 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी है। अक्टूबर तक और भी लोगों की नौकरी जा सकती है।
इन पोस्ट पर होगी छंटनी
कर्मचारियों की छंटनी की इस कवायद में सेल्स, मार्केटिंग, आरएंडडी, मैन्युफैक्चरिंग, फाइनेंस, एचआर, कॉरपोरेट रिलेशंस जैसे विभाग शामिल होंगे। यह पूरी कवायद सैमसंग के सियोल स्थित मुख्यालय के निर्देश में हो रहा है जिसका जोर भारत में रेवेन्यू की जगह मुनाफा बढ़ाने पर है। सैमसंग इंडिया में अप्रैल से ही भर्तियां बंद हैं।
पिछले वित्त वर्ष से शुरू हुई है समस्या
साल 2017-18 में सैमसंग इंडिया में समस्या शुरू हुई, जब उनके शुद्ध मुनाफे में गिरावट देखी गई। भारत में शाओमी और वन प्लस जैसे चीनी ब्रांड की ज्यादा लोकप्रियता से सैमसंग की बिक्री को चुनौती मिल रही है। इसकी वजह से कंपनी को अपने फोन और टीवी की कीमतों में 25 से 40 फीसदी तक की कटौती करनी पड़ी है। भारतीय स्मार्टफोन बाजार में शाओमी की हिस्सेदारी 29 फीसदी, सैमसंग की 23 फीसदी और विवो की 12 फीसदी है।