Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Oct, 2018 04:32 PM
दुनिया का सबसे बड़ा तेल एक्सपोर्टर सऊदी अरब इस साल नवंबर में कच्चे तेल के अतिरिक्त चार मिलियन बैरल भारतीय तेल खरीददारों को सप्लाई करेगा। सऊदी अरब की यह अतिरिक्त आपूर्ति इस बात के संकेत देता है...
नई दिल्लीः दुनिया का सबसे बड़ा तेल एक्सपोर्टर सऊदी अरब इस साल नवंबर में कच्चे तेल के अतिरिक्त चार मिलियन बैरल भारतीय तेल खरीददारों को सप्लाई करेगा। सऊदी अरब की यह अतिरिक्त आपूर्ति इस बात के संकेत देता है कि ईरान के तेल निर्यात पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद कमी को पूरा करने के लिए सऊदी अरब तैयार है।
गौरतलब है कि ईरान पेट्रोलियम निर्यात करने वाले देशों (ओपेक) के संगठन में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। चीन ईरान का सबसे बड़ा तेल ग्राहक है, जिसके बाद भारत का स्थान आता है। हालांकि, कई रिफाइनरियों ने संकेत दिया है कि प्रतिबंधों के कारण वे ईरानी बैरल लेना बंद कर देंगे।
सूत्रों ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प, भारत पेट्रोलियम कॉर्प और मैंगलोर रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड नवंबर में सऊदी अरब से अतिरिक्त 1 मिलियन बैरल मांग रहे हैं। सऊदी अरब के सबसे बड़े तेल उत्पादक सऊदी अरामको ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
ईरानी तेल की आपूर्ति पर निर्भरता को देखते हुए भारतीय रिफाइनर प्रतिबंधों की शुरुआत के बाद ईरानी क्रूड के नुकसान के बारे में चिंतित हैं और छूट मांग रहे हैं। देश में रिफाइनरों ने नवंबर में ईरान से 9 मिलियन बैरल खरीदने का आदेश दिया है।
सोमवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संकेत दिया था कि 4 नवंबर से ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ईरान से तेल का आयात जारी रखेगा। प्रधान ने कहा कि भारत की दो सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों ने नवंबर के लिए ईरानी क्रूड के लिए अनुबंध किया था। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसी), मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) ने नवंबर में आयात के लिए 1.25 मिलियन टन ईरानी तेल का अनुबंध किया है।