SBI ने 20,339 करोड़ के लोन डाले बट्टेखाते में

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Feb, 2018 10:03 AM

sbi wrote off bad loans worth over rs 20000 crore last fiscal

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एस.बी.आई.) ने वर्ष 2016-17 के दौरान 20,339 करोड़ रुपए के लोन को राइट ऑफ (बट्टेखाते) किया। यह किसी भी सरकारी बैंक की तुलना में सबसे ज्यादा है। इस वर्ष के दौरान देश के सरकारी बैंकों ने कुल मिलाकर 81,683...

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एस.बी.आई.) ने वर्ष 2016-17 के दौरान 20,339 करोड़ रुपए के लोन को राइट ऑफ (बट्टेखाते) किया। यह किसी भी सरकारी बैंक की तुलना में सबसे ज्यादा है। इस वर्ष के दौरान देश के सरकारी बैंकों ने कुल मिलाकर 81,683 करोड़ रुपए का लोन राइट ऑफ  किया है। यह आंकड़ा उस दौरान का है जब एस.बी.आई. में उसके सहयोगी बैंकों का मर्जर नहीं हुआ था। चालू वित्तीय वर्ष के शुरूआती 6 माह के दौरान अभी तक सरकारी बैंक 53,625 करोड़ रुपए के लोन राइट ऑफ  कर चुके हैं।

5 गुना बढ़ा राइट ऑफ
आंकड़ों के अनुसार 2012-13 के दौरान कुल मिलाकर सरकारी बैंकों ने 27,231 करोड़ रुपए का लोन राइट ऑफ  किया था। इसकी तुलना में 2016-17 में 81,683 करोड़ रुपए लोन राइट ऑफ  किया गया। इसमें करीब 5 गुना बढ़त दर्ज की गई है। सरकारी बैंकों ने 2013-14 के दौरान 34,409 करोड़ रुपए का, वहीं 2014-15 के दौरान 49,018 करोड़ रुपए के लोन राइट ऑफ  किए गए। 2015-16 में 57,585 करोड़ रुपए के लोन माफ  किए गए। मार्च, 2017 में ये बढ़कर 81,683 करोड़ रुपए के हो गए।

बैंकों के हिसाब से राइट ऑफ की रकम
एस.बी.आई. के अलावा वर्ष 2016-17 के दौरान पंजाब नैशनल बैंक ने 9205 करोड़ रुपए के लोन राइट ऑफ  किए। इसके बाद बैंक ऑफ  इंडिया का नंबर है जिसने 7346 करोड़ रुपए के लोन राइट ऑफ  किए। इस दौरान केनरा बैंक ने 5545 करोड़ रुपए और बैंक ऑफ  बड़ौदा ने 4348 करोड़ रुपए के लोन राइट ऑफ  किए।

क्या होता है राइट ऑफ
बैंक जिन लोन को वसूल नहीं पाते हैं उनको राइट ऑफ  कर देते हैं। यह लोन उनकी बुक्स पर तो नहीं दिखता है लेकिन इसे लोन माफ  भी नहीं माना जाता है।

एन.पी.ए. को लेकर खराब है स्थिति
भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) की तरफ  से जारी आंकड़ों के अनुसार 21 में से 9 सरकारी बैंकों का नॉन-परफार्मिंग एसेट (एन.पी.ए.) रेश्यो 15 प्रतिशत के ऊपर निकल गया है। ये आंकड़े 30 सितम्बर, 2017 के हैं। वहीं 14 बैंकों का यह रेश्यो 12 प्रतिशत के ऊपर है। बैंकों को इस स्थिति से निकालने के लिए सरकार ने 2.11 लाख करोड़ रुपए की पूंजी डालने का फैसला किया है जिससे बैंकों की वित्तीय स्थिति सुधरेगी और ये फिर से सामान्य कामकाज कर सकेंगे।

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