Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Mar, 2024 12:49 PM
देश के ज्वेलरी मार्केट में ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। 20 वर्षों में यह हिस्सेदारी करीब 8 गुना तक बढ़ गई है। इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक 2005 में देश के ज्वेलरी मार्केट में ऑर्गनाइज्ड सेक्टर और ब्रांडेड कंपनियों की हिस्सेदारी...
बिजनेस डेस्कः देश के ज्वेलरी मार्केट में ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। 20 वर्षों में यह हिस्सेदारी करीब 8 गुना तक बढ़ गई है। इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक 2005 में देश के ज्वेलरी मार्केट में ऑर्गनाइज्ड सेक्टर और ब्रांडेड कंपनियों की हिस्सेदारी महज 5% थी। एक दशक पहले यह आंकड़ा करीब 10% था। 2023 में यह हिस्सेदारी 35% हुई और 2025 तक यह बढ़कर 40% तक पहुंचने का अनुमान है। इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक करीब 7 लाख करोड़ रुपए मूल्य की भारतीय रिटेल ज्वेलरी इंडस्ट्री में करीब 5 लाख छोटे-बड़े विक्रेता हैं। इनमें संगठित ब्रांड्स की संख्या 75 से 100 है। इनके पास 35% (करीब 2.45 लाख करोड़) का बिजनेस है। वहीं शेष 65% (4.55 लाख करोड़) का बिजनेस असंगठित क्षेत्र के हाथों में है।
ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के बढ़ने से ग्राहकों को फायदा
- ज्वेलरी की क्वालिटी और क्वांटिटी में सुधार
- पक्के बिल के साथ बायबैक की गारंटी
- देशभर में रिटर्न और रिप्लेस की सुविधा
- ज्यादा डिजाइन और वेरायटी विकल्प
- प्रतिस्पर्धी और एक समान कीमतें
- बेहतर ग्राहक सेवा और सुविधाएं