स्मार्टफोन पर इंटरनेट चलाने से बढ़ रहा धरती का तापमान, 10 साल में 3.5% की वृद्धि

Edited By Supreet Kaur,Updated: 27 Jul, 2019 01:42 PM

smartphone increasing the temperature of earth

आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों से निपटने के जतन कर रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस स्मार्टफोन के बिना आप एक पल भी नहीं रह सकते, वही स्मार्टफोन ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है। इंटरनेट से चलने वाली उपकरण जैसे लैपटॉप, मोबाइ...

नई दिल्लीः आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों से निपटने के जतन कर रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस स्मार्टफोन के बिना आप एक पल भी नहीं रह सकते, वही स्मार्टफोन ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है। इंटरनेट से चलने वाली उपकरण जैसे लैपटॉप, मोबाइल और टैबलेट ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार हैं। क्लाइमेट होम न्यूज के साल 2016 में किए गए सर्वे के अनुसार पूरी दुनिया में पिछले 10 सालों में रोजाना इस्तेमाल हो रहे उपकरणों के कारण धरती के तापमान में 3.5 फीसदी का इजाफा हुआ है, जो कि साल 2040 तक 14 फीसदी तक पहुंच जाएगा।

बढ़ेगी बिजली की खपत
साल 2025 तक पूरी दुनिया में इस्तेमाल होने वाली बिजली का 20 फीसदी हिस्सा इंटरनेट और मोबाइल उपकरणों में खर्च होगा और इसका सीधा प्रभाव ग्लोबल वार्मिंग पर पड़ेगा। इंटरनेट का इस्तेमाल जितना अधिक होगा, उतने ही डाटा सेंटर खुलेंगे और इन डाटा सेंटर को चालू रखने के लिए बिजली की खपत होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक स्मार्टफोन के कारण उर्जा का उत्सर्जन 2020 तक 11 फीसदी तक बढ़ जाएगा, जो 2010 तक चार फीसदी था और यह सभी निजी कंप्यूटर, मोबाइल और टैबलेट के चलते हो रहा है। स्मार्टफोन के कारण 2020 तक कार्बन डाइऑक्साइड में 125 मेगाटन तक की बढ़ोतरी होगी।
PunjabKesari
इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती संख्या
एक स्वीडिश शोधकर्ता के अनुसार पूरी दुनिया में इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती संख्या के साथ ही बिजल की खपत भी काफी तेजी से बढ़ेगी। उनके मुताबिक 5जी नेटवर्क का इस्तेमाल जल्द ही कई देशों में शुरू होने वाला है। इसके अलावा अब इंटरनेट से कनेक्टेड कारें और रोबोट भी चलन में हैं जिसके चलते अधिक संख्या में डाटा सेंटर खुलेंगे, क्योंकि इन सभी उपकरणों से मिलने वाले डाटा को स्टोर करने की जरूरत पड़ेगी।

मोबाइल कंपनियां भी जिम्मेदार
रिसर्च के मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं, बल्कि इनका उत्पादन जिम्मेदार है और इसमें इनका योगदान 85 से 95 फीसदी तक है, क्योंकि फोन के उत्पादन में ऊर्जा की खपत के अलावा इन उपकरणों में सोने के साथ अन्य दुर्लभ धातुओं जैसे येट्रियम, लैंथेनियम की माइनिंग भी हो रही है। बता दें कि ये तत्व केवल चीन में ही उपलब्ध हैं। स्मार्टफोन के भारी प्रोडक्शन के लिए कंपनियां भी जिम्मेदार हैं, क्योंकि हर कुछ महीनों के अंतराल पर मोबाइल कंपनियां नए फीचर्स के साथ नया स्मार्टफोन पेश कर रही हैं। ऐसे में लोग पुराना स्मार्टफोन बेचकर नया खरीद रहे हैं। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!