स्थिर, मजबूत वित्तीय प्रणाली आर्थिक प्रगति के लिए आधार के रूप में कार्य करेगी: आरबीआई गवर्नर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Apr, 2024 02:16 PM

stable strong financial will act as foundation for economic progress

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक का प्रयास अगले दशक में एक स्थिर और मजबूत वित्तीय प्रणाली प्रदान करना होगा, जो देश की आर्थिक प्रगति के लिए आधार के तौर पर काम करेगी।

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक का प्रयास अगले दशक में एक स्थिर और मजबूत वित्तीय प्रणाली प्रदान करना होगा, जो देश की आर्थिक प्रगति के लिए आधार के तौर पर काम करेगी। आरबीआई के 90वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आरबीआई हमारे नागरिकों के कल्याण के लिए स्थिरता, लचीलापन तथा प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में उभरा है। 

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हम ‘आरबीआई एट 100' की ओर बढ़ रहे हैं, रिजर्व बैंक एक स्थिर तथा मजबूत वित्तीय प्रणाली पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो हमारे देश की आर्थिक प्रगति के लिए आधार के तौर पर काम करेगी।'' दास ने कहा कि रिज़र्व बैंक लगातार उभरते रुझानों का मूल्यांकन कर रहा है और बदलते समय के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए आवश्यक नीतिगत उपाय कर रहा है। केंद्रीय बैंक का प्रयास स्थितियों को भांपना और सक्रिय कदम उठाना है। 

गवर्नर ने इस बात पर जोर दिया कि एक संस्था के रूप में रिजर्व बैंक का विकास भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक पूर्ण-सेवा केंद्रीय बैंक हैं, जिसके कार्य कई आयामों में फैले हुए हैं। हमारा प्रयास एक ऐसे वित्तीय क्षेत्र को बढ़ावा देना है जो मजबूत, लचीला और भविष्य के लिए तैयार हो।'' संरचनात्मक सुधारों के बारे में उन्होंने कहा कि दिवाला व दिवालियापन संहिता के अधिनियमन और हाल के वर्षों में मुद्रास्फीति लक्ष्य को अपनाने से बैंकिंग प्रणाली में चुनौतियों से निपटने तथा मूल्य स्थिरता को अधिक प्रभावी ढंग से बनाए रखने में मदद मिली है। 

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