शेयर बाजार पर नोटबंदी और फेड का रूख हावी

Edited By ,Updated: 27 Nov, 2016 02:31 PM

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नोटबंदी से आने वाले समय में तंत्र में तरलता की कमी से आर्थिक विकास के धीमे होने की आशंका और अमरीका में ब्याज दर में वृद्धि की संभावना से विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली

मुंबईः नोटबंदी से आने वाले समय में तंत्र में तरलता की कमी से आर्थिक विकास के धीमे होने की आशंका और अमरीका में ब्याज दर में वृद्धि की संभावना से विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के दवाब के अगले सप्ताह भी शेयर बाजार पर हावी रहने की संभावना है। लगातार चौथे सप्ताह की गिरावट से जूझ रहा बीएसई के 30 शेयरों वाली संवेदी सूचकांक सैंसेक्स आखिरकार गत सप्ताह वैश्विक स्तर से मिले सकरात्मक संकेतों एवं दुनिया की प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के नरम पडऩे से उबरा और 166.10 अंकों की बढ़त के साथ सप्ताहांत पर 26,316.34 अंक और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) 67.30 अंक की तेजी के साथ 8,114.30 अंक पर बंद होने में सफल रहा।  

गत सप्ताह के पांच कारोबारी दिवसों में दो दिन शेयर बाजार धराशायी रहा जबकि शेष 3 दिन शेयरों में तेजी दर्ज की गई। सोमवार को अधिकांश विदेशी बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के दम पर सैंसेक्स 96.46 अंक की बढ़त के साथ 26,246.70 अंक पर खुला लेकिन नोटबंदी तथा अमरीका में दिसंबर में ब्याज दर बढऩे की संभावना के बीच विदेशी निवेशकों ने बाजार में लगातार पांचवें दिन बिकवाली जारी रखी जिससे चंद मिनटों में ही सैंसेक्स लाल निशान में चला गया और 385.10 अंक लुढ़ककर पिछले 6 महीने के निचले स्तर 25,765.14 अंक पर तथा नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 145 अंक का गोता लगाकर 7,929 अंक पर बंद हुआ। 

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