SBI पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कल शाम तक देना होगा Electoral Bond का ब्योरा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Mar, 2024 01:52 PM

supreme court slams sbi for wilful disobedience  warns of contempt

चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने SBI की याचिका खारिज करते हुए 12 मार्च की शाम तक ब्योरा देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही EC को 15 मार्च तक ये ब्योरा पब्लिश करने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने SBI CMD को ब्योरा जारी कर...

नई दिल्लीः चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने SBI की याचिका खारिज करते हुए 12 मार्च की शाम तक ब्योरा देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही EC को 15 मार्च तक ये ब्योरा पब्लिश करने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने SBI CMD को ब्योरा जारी कर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने SBI के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने से इनकार किया। SC ने चेतावनी दी कि हम एसबीआई को नोटिस देते हैं कि यदि एसबीआई इस आदेश में बताई गई समयसीमा के भीतर निर्देशों का पालन नहीं करता है तो यह न्यायालय जानबूझकर अवज्ञा के लिए उसके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए इच्छुक हो सकता है।

आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने SBI पर बड़ी टिप्पणी की। सीजेआई ने कहा कि हमने आपको डेटा मिलान के लिए नहीं कहा था, आप आदेश का पालन कीजिए। वहीं जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आपको सिर्फ डेटा सील कवर से निकालना है और भेजना है। सीजेआई ने SBI से ये भी पूछा कि आपने पिछले 26 दिनों में क्या काम किया, कितना डेटा मिलान किया। मिलान के लिए समय मांगना सही नहीं है। हमने आपको ऐसा करने का निर्देश नहीं दिया। आखिरकार सारा ब्यौरा मुंबई मुख्य शाखा में भेजा जा चुका है। आपने अर्जी में कहा है कि एक साइलो से दूसरे साइलो में जानकारी का मिलान समय लेने वाली प्रक्रिया है।

पांच जजों की संविधान पीठ कर रही है मामले की सुनवाई

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा  चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 30 जून तक की मोहलत की मांग वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. ADR की SBI के खिलाफ अवमानना का मामला चलाने की याचिका पर भी सुनवाई हुई. बता दें कि पांच जजों का संविधान पीठ CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई।

हमें और वक्त चाहिए: SBI

आज हुई सुनवाई के दौरान हरीश साल्वे ने SBI की ओर से दलील दी कि हमें और वक्त चाहिए। साल्वे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक SBI को अप्रैल 2019 से अब तक का ब्योरा चुनाव आयोग को देना है। हमारी एकमात्र समस्या यह है कि हम पूरी प्रक्रिया को उलटने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी SoP ने सुनिश्चित किया कि हमारे कोर बैंकिंग सिस्टम और बॉन्ड नंबर में खरीदार का कोई नाम नहीं था। हमें बताया गया कि इसे गुप्त रखा जाना चाहिए। हम जानकारी एकत्र करने की कोशिश कर रहे हैं। सीजेआई ने कहा कि आप कहते हैं कि दाता का विवरण एक निर्दिष्ट शाखा में एक सीलबंद लिफाफे में रखा गया था। सभी सीलबंद लिफाफे मुंबई में मुख्य शाखा में जमा किए गए थे। दूसरी ओर राजनीतिक दल 29 अधिकृत बैंकों से पैसा भुना सकते हैं। SBI के वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने की तारीख और खरीदने वाले का नाम एक साथ उपलब्ध नहीं है, उसे कोड किया गया है। उसे डिकोड करने में समय लगेगा।

26 दिनों में आपने क्या कदम उठाए: SC

सीजेआई ने कहा कि यहां तक कि आपके अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों से भी संकेत मिलता है कि प्रत्येक खरीदारी के लिए आपके पास एक अलग KYC होनी चाहिए इसलिए जब भी कोई खरीदारी की जाती है, तो KYC अनिवार्य होता है। इस पर साल्वे ने कहा कि हमारे पास विवरण है, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमारे पास नहीं है। एसबीआई ने कहा कि हमारे पास सब जानकारी है, किसने खरीदा है, किस राजनीतिक पार्टी को गया है। CJI ने कहा कि हमारा फैसला 15 फरवरी को था, आज 11 मार्च है। पिछले 26 दिनों में आपने क्या कदम उठाए हैं? कुछ भी नहीं बताया गया है। इसका खुलासा होना चाहिए था कि वह काम है जो हो चुका है, हमें और अधिक समय की आवश्यकता है। हम भारतीय स्टेट बैंक से कुछ स्पष्टवादिता की उम्मीद करते हैं। एसबीआई ने कहा कि किसने बॉन्ड खरीदा ये बताना आसान है लेकिन बॉन्ड नंबर के साथ नाम बताने में समय लगेगा।

जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम मान रहे हैं कि आपको खरीददारों और राजनीतिक दलों के नाम देने में कोई कठिनाई नहीं है। एकमात्र कठिनाई मिलान में है। 26 दिन क्या हुआ, कुछ तो हुआ होगा। यह बताया गया था कि बांड में कुछ नंबर होते हैं। इस पर साल्वे ने कहा कि उस नंबर को गुप्त रखा जाता है, उन्हें डालने पर हर ट्रांजैक्शन को ट्रेस करना पड़ता है। CJI ने कहा कि अंतरिम आदेश के अनुपालन में, ECI ने विवरण दिया है। रजिस्ट्री ने इसे सुरक्षित कस्टडी में रखा है। हम उन्हें अभी इसे खोलने का निर्देश देंगे।  हम ECI से कहेंगे कि जो कुछ भी है उसे बताएं और SBI से कहें कि आपके पास जो भी है उसे बताएं।  आपको कोर्ट के आदेश के मुताबिक काम करना होगा। आपको जानकारी ECI के साथ साझा करनी होगी। ये बेहद गंभीर मामला है।

SBI ने मांगा था तीन हफ्ते का समय

SBI ने आज हुई सुनवाई में कहा कि सुप्रीम कोर्ट से एक स्पष्टीकरण चाहते है। सुप्रीम कोर्ट ब्योरा देख रहा है। एसबीआई ने कहा कि बॉन्ड का नंबर, नाम और कितने का बॉन्ड है ये जानकारी हम अगले दो- तीन हफ्ते में दे सकते हैं। साल्वे ने कहा कि यदि बी और सी मेल नहीं खाते हैं, तो हम 3 सप्ताह के भीतर जानकारी दे सकते हैं।  

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