Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Jul, 2020 02:09 PM
बीमा नियामक इरडा ने ठगी और धोखाधड़ी को लेकर लोगों को आगाह किया और लोगों से सीधे बीमा कंपनियों या पंजीकृत मध्यस्थों/एजेंटों से ही बीमा पॉलिसी लेने का सुझाव दिया। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सार्वजनिक नोटिस में कहा कि आम...
नई दिल्ली: बीमा नियामक इरडा ने ठगी और धोखाधड़ी को लेकर लोगों को आगाह किया और लोगों से सीधे बीमा कंपनियों या पंजीकृत मध्यस्थों/एजेंटों से ही बीमा पॉलिसी लेने का सुझाव दिया। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सार्वजनिक नोटिस में कहा कि आम लोगों/पॉलिसीधारकों को अज्ञात और गलत काम करने वाले तत्वों से कॉल आते रहते हैं। उसमें वे स्वयं को इरडा के अधिकारी या प्रतिनिधि बताते हैं तथा लुभावने पेशकश करते हैं जो बीमा पॉलिसी के दायरे से बाहर होता है।
नियामक ने कहा कि वे बीमा लेन-देन विभाग, आरबीआई या किसी अन्य सरकारी एजेंसियों का नाम लेकर लोगों को गुमराह करते हैं। नोटिस के अनुसार, ‘वे जो पेशकश करते हैं, उसमें जीवन बीमा पॉलिसी के लाभ वास्तविकता से परे होते हैं। वे उस पॉलिसी में बिना दावा वाले बोनस, एजेंसी के कमीशन, निवेश राशि, वृद्धि रकम आदि को वापस करने आदि की पेशकश करते हैं, जो वैध नहीं रहे। इस पेशकश के एवज में पेश कुछ राशि पहले जमा करने या शुल्क भुगतान के लिये कहते हैं।’
नियामक ने यह स्पष्ट किया कि वह सीधे तौर पर किसी भी बीमा या वित्तीय उत्पादों की बिक्री से जुड़ा नहीं है और न ही वह बीमा कंपनियों को प्राप्त प्रीमियम राशि का निवेश करता है। न ही वह पॉलिसीधारकों या बीमा कंपनियों के लिये बोनस की घोषणा करता है। इरडा ने कहा, ‘लोगों को सीधे बीमा कंपनियों या पंजीकृत मध्यस्थों/एजेंटों से ही बीमा पॉलिसी लेने चाहिए या वित्तीय लेन-देन करने चाहिए।’ नियामक ने लोगों से कॉल करने वाले की जांच करने और उसकी पेशकश के बारे में संबंधित बीमा कंपनियों और पंजीकृत मध्यस्थों से जानकारी लेने की सलाह दी।