टाटा पावर की बिक्री अटकी

Edited By ,Updated: 24 Sep, 2016 03:56 PM

tata power arutmin

टाटा पावर अपनी 2 इंडोनेशियाई कंपनियों- आर्टमिन और कैल्टिम खदानों में हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है लेकिन कोयला कीमतों में गिरावट के कारण इन

मुंबईः टाटा पावर अपनी 2 इंडोनेशियाई कंपनियों- आर्टमिन और कैल्टिम खदानों में हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है लेकिन कोयला कीमतों में गिरावट के कारण इन दोनों कंपनियों का मूल्यांकन घटकर आधा रह गया है। ऐसे में कंपनी की बिक्री योजना खतरे में पड़ गई है। वैश्विक निवेश बैंकिंग फर्म जैफरीज के आकलन के अनुसार इन दोनों कंपनियों में टाटा पावर की हिस्सेदारी का एकीकृत मूल्यांकन अब घटकर 99 करोड़ डॉलर रह गया है जो 2014 में सौदे पर हस्ताक्षर होते समय 2 अरब डॉलर था। इन परियोजनाओं में हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त रकम का इस्तेमाल टाटा पावर अपना समेकित ऋण बोझ घटाने में करेगी जो इस साल मार्च तक बढ़कर 40,120 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। 

जनवरी 2014 में टाटा पावर ने 50 करोड़ डॉलर के सौदे के तहत आर्टमिन में अपनी हिस्सेदारी बैकरी ग्रुप को बेचने की घोषणा की थी। उसके बाद जुलाई में उसने स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि उसने 25 करोड़ डॉलर के एक सौदे के तहत कैल्टिम में 5 फीसदी हिस्सेदारी बैकरी ग्रुप को बेचने के लिए विकल्प समझौते हस्ताक्षर किए हैं। कैल्टिम खदान में टाटा पावर की 30 फीसदी हिस्सेदारी है। ये दोनों सौदे अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं क्योंकि कोयला कीमतों में रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिरावट के मद्देनजर खरीदार घबरा गए हैं। 

बैंकरों ने कहा कि स्थानीय खरीदार लेनदेन को लेकर दोबारा बातचीत करना चाहता है क्योंकि यह सौदा अब खरीदार के लिए फायदेमंद नहीं रहा। वैश्विक बाजारों में कोयले की कीमत 82 डॉलर प्रति टन से घटकर 59 डॉलर प्रति टन रह गई है। इसलिए इंडोनेशियाई कोयले की कीमत 2014 के बाद 64 डॉलर प्रति टन से घटकर 47 डॉलर प्रति टन रह गई है। इंडोनेशियाई कोयले की बिक्री आमतौर पर 20 से 25 फीसदी छूट पर की जाती है क्योंकि उसकी गुणवत्ता कमजोर होती है। 

बैंकर ने कहा, 'हालांकि कोयला कीमतों में इस गिरावट से टाटा पावर को मुंद्रा बिजली परियोजना में घाटा कम करने में मदद मिली है जो आयातित कोयले पर आधारित है लेकिन इससे उसके इंडोनेशियाई तापीय कंपनियों के मूल्यांकन को तगड़ा झटका लगा है।' संपर्क करने पर टाटा पावर ने एक बयान में कहा कि आर्टमिन का मूल्यांकन बिक्री सौदे की तिथि के मुकाबले अभी भी अच्छा है। बाजार मूल्यांकन में बाद के किसी भी बदलाव के बावजूद मूल्यांकन अच्छा है और इसलिए अब यह प्रासंगिक नहीं है क्योंकि आर्टमिन के लिए लेनदेन पहले ही हो चुका है। 

लेनदेन की घोषणा के बाद से ही टाटा पावर के शेयर में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। कंपनी का शेयर जुलाई 2014 को 114 रुपये पर अपनी शीर्ष ऊंचाई पर था जो लुढ़ककर शुक्रवार तक 76 रुपये रह गया है। हालांकि कंपनी अब सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी बनना चाहती है। इसी क्रम में उसने वेलस्पन ग्रुप के अक्षय ऊर्जा कारोबार को 9,200 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज मूल्य पर खरीदा है। इस सप्ताह के आरंभ में उसने आईसीआईसीआई वेंचर्स के साथ एक करार किया है ताकि भारत में घाटे में चल रही बिजली परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए 85 करोड़ डॉलर की निधि तैयार की जा सके।

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