Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Nov, 2018 02:54 PM
टाटा संस के बोर्ड ने मैनेजमेंट से कहा है कि वह जेट एयरवेज के साथ डील में जल्दबाजी न करे और उससे पहले कंपनी की बैलेंस शीट की अच्छी तरह पड़ताल करे। नरेश गोयल की एयरलाइन कंपनी की
मुंबईः टाटा संस के बोर्ड ने मैनेजमेंट से कहा है कि वह जेट एयरवेज के साथ डील में जल्दबाजी न करे और उससे पहले कंपनी की बैलेंस शीट की अच्छी तरह पड़ताल करे। नरेश गोयल की एयरलाइन कंपनी की देनदारियों को लेकर कुछ चिंताएं सामने आने के बाद टाटा संस के बोर्ड ने मैनेजमेंट को यह नसीहत दी है।
कुछ बोर्ड मेंबर्स ने चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को जेट के ड्यू डिलिजेंस प्रोसेस में बाहरी कंसल्टेंट्स की मदद लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि एयरलाइन कंपनी के बही-खाते की अच्छी तरह जांच की जानी चाहिए। यह जानकारी इकनॉमिक टाइम्स को मामले से वाकिफ दो सूत्रों ने दी है। इनमें से एक ने बताया, ‘कई बोर्ड मेंबर्स ने मैनेजमेंट को सावधान रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में डील न की जाए। बोर्ड ड्यू डिलिजेंस रिपोर्ट पर चर्चा करने के बाद ही इस मामले में कोई फैसला करेगा।’
टाटा ग्रुप की कंपनी जब भी 100 करोड़ से अधिक का निवेश करती है, तो उसके लिए टाटा संस के बोर्ड की मंजूरी लेनी पड़ती है। कंपनी के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के मुताबिक ऐसा करना जरूरी है। सूत्र ने बताया, ‘जेट एयरवेज के ड्यू डिलिजेंस के लिए इनहाउस टीम के अलावा, दो बाहरी एजेंसियों की मदद ली जाएगी। कुछ हफ्तों में इसकी शुरूआती रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है।’
पिछले शुक्रवार को टाटा संस की बोर्ड मीटिंग हुई थी, जिसमें जेट एयरवेज में संभावित निवेश पर चर्चा हुई। जेट एयरवेज पर काफी कर्ज है और उसे भारी घाटा हो रहा है। इसके बाद टाटा ग्रुप ने एक बयान जारी करके बताया था कि उसकी जेट के साथ शुरुआती बातचीत हुई है, लेकिन सौदे की औपचारिक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।