बिल्डर ने प्लॉट दिया न पैसा, अब देने होंगे 1.80 करोड़ रुपए

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Nov, 2019 10:44 AM

the builder did not give the plot now he will have to pay 1 80 crores

लुभावने विज्ञापन को देखकर अमूमन कई लोग उसके झांसे में आ जाते हैं लेकिन हकीकत तब पता चलती है जब विज्ञापन में दावा की गई चीज असल में नहीं मिलती है। ऐसे ही एक मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने बिल्डर द्वारा धोखाधड़ी के शिकार 23 उपभोक्ताओं को करीब 1 करोड़...

भोपाल: लुभावने विज्ञापन को देखकर अमूमन कई लोग उसके झांसे में आ जाते हैं लेकिन हकीकत तब पता चलती है जब विज्ञापन में दावा की गई चीज असल में नहीं मिलती है। ऐसे ही एक मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने बिल्डर द्वारा धोखाधड़ी के शिकार 23 उपभोक्ताओं को करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपए बतौर हर्जाना देने का आदेश दिया है। बिल्डर ने न प्लाट दिया और न ही उपभोक्ताओं के पैसे लौटाए। 

क्या है मामला 
कल्याण सिंह राजपूत समेत 23 लोगों ने सितम्बर 2017 में जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर कर बताया कि ग्रीनलैंड शैल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के निदेशक अरविंद बंजारी द्वारा हुजूर तहसील के अंतर्गत बालमपुर गांव में कृषि भूमि को विकसित कर प्लॉटिंग की जा रही थी। वर्ष 2013 में कल्याण ने जब इसका ब्रोशर देखा तो जमीन खरीदने के लिए बिल्डर के एम.पी. नगर स्थित ऑफिस में संपर्क किया। उसने 800 वर्ग फुट के प्लॉट के लिए 2 लाख 75 हजार 500 रुपए जमा करवाए लेकिन पैसा लेने के बाद बिल्डर एग्रीमैंट और रजिस्ट्री कराने के नाम पर टाल-मटोल करता रहा। वर्ष 2016 में कल्याण ने सी.एम. हैल्पलाइन, कलैक्टर और एस.पी. की जनसुनवाई में इस धोखाधड़ी की शिकायत की। इसमें बताया गया कि पैसे लेने के बाद बिल्डर न तो भूखंड दे रहा है और न ही पैसे वापस कर रहा है। चूंकि दस्तावेजों के मुताबिक परिवादी और विपक्षी के बीच उपभोक्ता व व्यवसायी का संबंध स्थापित है। इस मामले को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम1986 की धारा-12 के तहत फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

यह कहा फोरम ने 
जिला उपभोक्ता फोरम की बैंच-1 के अध्यक्ष आर.के. भावे व सदस्य सुनील श्रीवास्तव ने अपने आदेश में कहा कि लिहाजा यह मामला सेवा में कमी के अंतर्गत आता है। फोरम ने 2 महीने के अंदर बिल्डर को सभी 23 आवेदकों को आबंटित भूखंड का आधिपत्य और रजिस्ट्री के कागजात उपलब्ध कराने व भूखंड उपलब्ध न कराने की स्थिति में प्रत्येक आवेदक को उसके द्वारा चुकाई गई राशि और बुकिंग दिनांक से भुगतान तक 18 प्रतिशत की दर से ब्याज चुकाने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा मानसिक क्षतिपूॢत व वाद-व्यय के तौर पर प्रत्येक उपभोक्ता को 12-12 हजार रुपए भी चुकाने के आदेश दिए हैं। कुल मूल राशि करीब 84 लाख रुपए है, वहीं बिल्डर को इस राशि पर 6 साल का ब्याज भी चुकाना पड़ेगा। वहीं धोखाधड़ी करने वाला बिल्डर वर्तमान में अपराध क्रमांक 376/16 के तहत महू स्थित जेल में बंद है, इसलिए फोरम ने आदेश की प्रति जेल में ही भिजवाई है। 

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