Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Aug, 2023 05:32 PM
उपभोक्ताओं के लिए यह अच्छी खबर है कि त्योहारी सीजन में हल्दी की कीमतों पर महंगाई का रंग उतरने लगा है। दोगुनी महंगी हुई हल्दी के भाव अब गिरने लगे हैं। बाजार जानकारों के मुताबिक आगे भी हल्दी की महंगाई से और राहत मिलने की उम्मीद है।
नई दिल्लीः उपभोक्ताओं के लिए यह अच्छी खबर है कि त्योहारी सीजन में हल्दी की कीमतों पर महंगाई का रंग उतरने लगा है। दोगुनी महंगी हुई हल्दी के भाव अब गिरने लगे हैं। बाजार जानकारों के मुताबिक आगे भी हल्दी की महंगाई से और राहत मिलने की उम्मीद है। हल्दी की कीमतों में आ रही गिरावट की वजह ऊंचे भाव पर इसकी मांग कमजोर पड़ना है।
उच्च स्तर से हल्दी के भाव 20 फीसदी घटे
कमोडिटी एक्सचेंज National Commodity & Derivatives Exchange Limited (NCDEX) पर 4 अगस्त को हल्दी के अक्टूबर कॉन्ट्रैक्ट ने 18,076 रुपये के भाव पर उच्च स्तर छू लिया था। हल्दी के प्रमुख बाजारों में एक इरोड में हल्दी के हाजिर भाव 13,000 से 13,500 रुपे प्रति क्विंटल चल रहे हैं। ऊपरी स्तर से इसके भाव 2,500 से 3,000 रुपए प्रति क्विंटल तक गिर चुके हैं।
ऊंचे भाव पर कमजोर पड़ी मांग
हल्दी कारोबारी सुभाष चंद्र गुप्ता ने बताया कि इस साल हल्दी के भाव बढ़कर दोगुने हो गए थे। इरोड मंडी में भाव 16,000 रुपए प्रति क्विंटल के ऊपरी स्तर तक चले गए। ऊंचे भाव पर हल्दी की मांग कमजोर पड़ने लगी और खरीदारों ने खरीद घटा दी। जिससे हल्दी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। ऊपरी स्तर से हल्दी के भाव 2,500 से 3,000 रुपए क्विंटल गिर चुके हैं। कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल कहते हैं कि वायदा बाजार में हल्दी के भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद अब मुनाफावसूली हो रही है। साथ ही ऊंचे भाव पर घरेलू व निर्यात मांग भी सुस्त है। इसलिए हल्दी की वायदा कीमतों में कमी आई है। आगे इसकी कीमतों में एक हजार रुपए क्विंटल की और गिरावट आ सकती है। गुप्ता के मुताबिक भी भाव इतने और गिर सकते हैं।