इकोनॉमिक रिकवरी की रफ्तार अच्छी, लेकिन कच्चे तेल की कीमत से लग सकता है झटका: RBI MPC सदस्य

Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Mar, 2022 03:23 PM

the pace of economic recovery is good but the price of crude oil may

कोविड-19 के बाद भारत के आर्थिक पुनरुद्धार की रफ्तार अच्छी है और वृद्धि दर भी अनुमान से बेहतर है। यह आगे भी जारी भी रहेगा लेकिन कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से पुनरुद्धार को ‘झटका’ लग सकता है। जानी-मानी अर्थशास्त्री आशिमा गोयल ने रविवार को यह राय जताई।...

बिजनेस डेस्कः कोविड-19 के बाद भारत के आर्थिक पुनरुद्धार की रफ्तार अच्छी है और वृद्धि दर भी अनुमान से बेहतर है। यह आगे भी जारी भी रहेगा लेकिन कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से पुनरुद्धार को ‘झटका’ लग सकता है। जानी-मानी अर्थशास्त्री आशिमा गोयल ने रविवार को यह राय जताई। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की सदस्य गोयल ने कहा कि महंगाई अभी भी मोटे तौर पर केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर के अंदर बनी हुई है, साथ ही आपूर्ति की परिस्थितियां बेहतर होने से इसके और नरम होने के संकेत मिल रहे हैं।

गोयल ने कहा, ‘‘भारत में कोविड-19 के बाद आर्थिक पुनरुद्धार अच्छी गति से जारी है और वृद्धि दर अनुमान से अधिक है। उच्च वृद्धि का कारण केवल आधार प्रभाव नहीं है बल्कि 2020 में वृद्धि में काफी गिरावट आने के बाद 2021 में भारत की वृद्धि कई अन्य देशों के मुकाबले कहीं अच्छी रही है।’’ उन्होंने कहा कि इसके पीछे भारत द्वारा सुधारों को जारी रखना और वृहद आर्थिक नीतियां हैं। गोयल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के 2020 और 2021 के लिए जनवरी के वृद्धि आंकड़े बताते हैं कि भारत के मुकाबले कई अन्य देशों की वृद्धि में गिरावट कहीं अधिक रही है, यह बात और है कि पहले लॉकडाउन के बाद भारत की वृद्धि में गिरावट के बारे में काफी नकारात्मक बातें कहीं गईं।

कच्चे तेल में तेजी से ग्रोथ पर दिखेगा असर
यूक्रेन संकट के भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर के बारे में गोयल ने कहा, ‘‘पुनरुद्धार में निरंतरता बनी रहेगी लेकिन कच्चे तेल की कीमतों के लगातार उच्चस्तर पर बने रहने से वृद्धि में कुछ नरमी आ सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अभी मौद्रिक और वित्तीय नीति में तेल की ऊंची कीमतों से लगने वाले झटकों को व्यवस्थित तरीके से बर्दाश्त करने के लिए गुंजाइश है।’’

चालू वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट 8.9% रहने का अनुमान
सरकार के हालिया आंकड़ों के अनुसार, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 8.9 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद हैं। हालांकि यह पहले के 9.2 फीसदी के अनुमान से कम है। मॉर्गन स्टैनली ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 50 फीसदी घटाकर 7.9 फीसदी कर दिया है। इसके साथ उसने रिटेल महंगाई के अनुमान को बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया है।
 

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