Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Jun, 2023 12:25 PM
केंद्र सरकार ने जून में दो दालों अरहर और उड़द तथा गेहूं की भंडारण सीमा तय कर दी थी, जिससे इनकी बढ़ती कीमतों पर काबू पाया जा सके। इन अनाज की कीमत कई वजहों से बढ़ी हुई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग और कारोबारियों के आंकड़ों से पता
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने जून में दो दालों अरहर और उड़द तथा गेहूं की भंडारण सीमा तय कर दी थी, जिससे इनकी बढ़ती कीमतों पर काबू पाया जा सके। इन अनाज की कीमत कई वजहों से बढ़ी हुई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग और कारोबारियों के आंकड़ों से पता चलता है कि भंडारण की सीमा तय किए जाने के बाद से दिल्ली के बाजार में जहां गेहूं की कीमत घटी है लेकिन अरहर और उड़द के मामले में ऐसा नहीं है।
गेहूं के मामले में भी देखें तो उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कीमत में गिरावट सभी केंद्रों पर एकसमान नहीं कम हुई है। कुछ केंद्रों पर भंडारण की सीमा तय किए जाने के बाद भी गेहूं की थोक कीमत बढ़ी है।
व्यापारियों ने कहा कि अकोला, गुलबर्ग, लातूर, चेन्नई और विजयवाड़ा जैसी जगहों पर अरहर और उड़द कीमत कम होनी शुरू हुई है, जिसका असर इसका उपभोग करने वाले इलाकों में अगले कुछ सप्ताह में पड़ेगा। मई से जुलाई तक की अवधि को दलहन के लिए सुस्त मौसम माना जाता है। खरीफ की फसल तैयार होने के साथ गतिविधियां तेज हो जाती हैं।