अप्रैल में कम हुई Demat Accounts खुलने की रफ्तार, SIP के जरिए निवेश धुआंधार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 May, 2023 06:27 PM

the speed of opening demat accounts decreased in april

भारतीय शेयर बाजार में Demat account खुलने की दर फिर से धीमी पड़ती जा रही है। मासिक आधार पर डीमैट अकाउंट खुलने की दर अप्रैल में 16 लाख पर पहुंच गई, जो कि दिसंबर 2020 के बाद सबसे निचले स्तर पर है। इसके पहले मार्च में भी अकाउंट खुलने का आंकड़ा मार्च...

नई दिल्लीः भारतीय शेयर बाजार में Demat account खुलने की दर फिर से धीमी पड़ती जा रही है। मासिक आधार पर डीमैट अकाउंट खुलने की दर अप्रैल में 16 लाख पर पहुंच गई, जो कि दिसंबर 2020 के बाद सबसे निचले स्तर पर है। इसके पहले मार्च में भी अकाउंट खुलने का आंकड़ा मार्च 2020 के स्तर पर आ गया था। मार्च माह में करीब 19 लाख डीमैट अकाउंट खोले गए थे।

विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की। इसके साथ ही यूक्रेन-रूस युद्ध, महंगाई दर में इजाफा और विकसित देशों में बैंकिंग संकट की वजह से निवेशकों के रुख में कमजोरी देखने को मिली।

डीमैट अकाउंट खुलने का आंकड़ा वित्त वर्ष- 22 के मुकाबले वित्त वर्ष- 23 में भी कमजोर देखा गया है। जहां, वित्त वर्ष-22 में 29 लाख नए डीमैट अकाउंट औसतन हर महीने खुले। वहीं, वित्त वर्ष-23 में 20 लाख नए डीमैट अकाउंट का मासिक औसत था। हालांकि, वित्त वर्ष 23 में बाजार में सुस्त रिटर्न और उतार-चढ़ाव जारी रहने के बावजूद ऐसा देखने को मिला।

IT सेक्टर में मंदी बड़ी वजह

IT कंपनियों के लिए निवेश करना निवेशकों का पसंदीदा सेक्टर होता है। हाल में वैश्विक संकट और बैंकिंग संकट के कारण आईटी शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से भी डीमैट अकाउंट खुलने की रफ्तार कमजोर हो गई है।

SIP के जरिए हो रहे भारी निवेश

डीमैट अकाउंट में एक्टिव क्लाइंटों और रिटेल पार्टनर्स की संख्या में भी कमी आई है। वित्त वर्ष 22 के मुकाबले डीमैट अकाउंट खुलने की रफ्तार सुस्त पड़ गई है क्योंकि तब डीमैट खातों की संख्या 63 फीसदी बढ़ी थी। इस बीच निवेशकों का रुख म्यूचुअल फंड में निवेश की तरफ बढ़ता दिख रहा है।

वित्त वर्ष -23 में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में निवेश 25 फीसदी बढ़ गया। इस वृद्धि के साथ SIP के माध्यम से निवेश 1.56 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया। इससे पता चलता है कि बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद SIP पर खुदरा निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों के मुताबिक भी वित्त वर्ष 2021-22 में SIP के जरिए 1.24 लाख करोड़ रुपए जुटाया गया था जबकि 2020-21 में 96,080 करोड़ रुपए के निवेश हुए।
 

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